कश्मीर और पानी, क्या भारत-पाक के बीच फिर बढ़ेगा तनाव? पाक मंत्री ने दी धमकी

punjabkesari.in Tuesday, May 13, 2025 - 06:10 PM (IST)

नेशनल डेस्क: भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुए सीजफायर को लेकर अभी कुछ घंटे ही बीते हैं कि पाकिस्तान की ओर से फिर तनाव बढ़ाने वाला बयान सामने आया है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने चेतावनी दी है कि अगर दोनों देशों के बीच पानी के बंटवारे का विवाद नहीं सुलझा तो यह सीजफायर ज्यादा दिन नहीं टिकेगा।

पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार, इशाक डार ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि पानी के बंटवारे पर कोई समझौता न होना 'एक्ट ऑफ वॉर' यानी युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा। उन्होंने कश्मीर के मुद्दे को भी इस पूरे संघर्ष की जड़ बताया।

गरतलब है कि सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियों के पानी का बंटवारा लंबे समय से भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद का कारण रहा है। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने 1960 में हुए सिंधु जल समझौते को रद्द कर दिया था, जिससे पानी का मुद्दा एक बार फिर दोनों देशों के बीच टकराव का केंद्र बन गया है।

क्या है सिंधु जल संधि?
1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुई सिंधु जल संधि के तहत सिंधु, चिनाब और झेलम नदियों का पानी पाकिस्तान को, जबकि रावी, व्यास और सतलज का पानी भारत को आवंटित किया गया था। हालांकि, 22 अप्रैल को पहलगाम हमले के बाद भारत ने इस संधि को रद्द कर दिया। 12 मई को सीजफायर के तहत दोनों देशों ने एक-दूसरे पर हमला न करने पर सहमति जताई है, लेकिन इस समझौते में सिंधु जल संधि का कोई उल्लेख नहीं है।

सिंधु जल समझौता रद्द होने के बाद पाकिस्तान को यह डर है कि भारत सिंधु, चिनाब और झेलम नदियों पर बांध बनाकर पानी के बहाव को नियंत्रित कर सकता है। पाकिस्तान के पंजाब और सिंध प्रांत पूरी तरह से सिंधु नदी के पानी पर निर्भर हैं। यदि भारत पानी का कुछ हिस्सा रोकता है या उसके बहाव को बदलता है, तो पाकिस्तान को गंभीर कृषि और आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है।


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Content Editor

Harman Kaur

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