समान नागरिक संहिता के मसौदे के लिए संसद को निर्देश नहीं देंगे :उच्च न्यायालय

Friday, Nov 15, 2019 - 08:10 PM (IST)

नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि वह संसद को समान नागरिक संहिता का मसौदा तैयार करने के लिए कोई निर्देश जारी नहीं करेगा क्योंकि यह मामला संसद के अधिकारक्षेत्र में ही आता है और अदालत इसमें हस्तक्षेप नहीं करेगी। मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की पीठ ने केंद्र सरकार को पांच याचिकाओं पर जवाब देने का निर्देश देने से इनकार करते हुए कहा,‘इसमें कुछ नहीं करना। मामले का निस्तारण करना है। हम संसद को निर्देश नहीं देने जा रहे।'

हालांकि अदालत ने भाजपा नेता अश्विनी कुमार उपाध्याय समेत याचिकाकर्ताओं को उनके संबंधित मामलों में दलील देने की अनुमति दी। पीठ ने शुक्रवार को मौलाना आजाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति फिरोज बख्त अहमद और सामाजिक कार्यकर्ता अंबर जैदी की ओर से रखी गई दलीलों को सुना। पीठ ने कहा कि वह उपाध्याय समेत अन्य की दलीलों पर सोमवार को सुनवाई जारी रखेगी। 

उसने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) को मामले में दलील देने की अनुमति देने से इनकार करते हुए कहा,‘हमने अभी तक आपको हस्तक्षेप की अनुमति नहीं दी है। तो आप दलील कैसे दे सकते हैं?' भोजनावकाश के बाद के सत्र में जब मामला सुनवाई के लिए आया तो वकील उपाध्याय ने अदालत से कहा कि उसने इस मामले में 31 मई को केंद्र को नोटिस जारी किया था और अब तक सरकार ने कोई जवाबी हलफनामा नहीं दिया है।

उन्होंने और अन्य याचिकाकर्ताओं के वकीलों ने पीठ से आग्रह किया कि मामले में याचिका पर आगे सुनवाई जारी रखने से पहले संबंधित याचिकाओं पर सरकार को जवाब देने को कहा जाए। हालांकि अदालत ने ऐसा करने से इनकार किया और कहा कि अगर सरकार जवाब दाखिल नहीं करना चाहती तो ना करे। 

shukdev

Advertising