वायुसेना के शहीद पायलट की पत्नी बनीं सेना में अधिकारी, ओटीए में 184 अधिकारी कैडेटों ने पूरा किया प्रशिक्षण

Saturday, Mar 09, 2024 - 09:47 PM (IST)

चेन्नईः तमिलनाडु के नीलगिरि में हुए एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में भारत के पहले प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत के साथ शहीद हुए भारतीय वायुसेना के एक पायलट की पत्नी और ‘सिविल इंजीनियरिंग' की पढ़ाई करने वाली किसान परिवार की एक बेटी उन सैकड़ों कैडेट में शामिल हैं, जो यहां ‘अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी'(ओटीए) में कठिन प्रशिक्षण पूरा करने के बाद शनिवार को भारतीय सेना के अधिकारी बने। 

सेना की वर्दी पहनने वाले अपने परिवार की छठी पीढ़ी के सदस्य और अकादमी में सबसे कम उम्र (21 वर्ष) के प्रशिक्षु शौर्यन थापा भी उन 184 अधिकारी कैडेट में से थे जिन्होंने प्रशिक्षण पूरा किया। उन्हें शनिवार को ‘पासिंग आउट परेड' में ओटीए स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया। शौर्यन अपने पिता कर्नल मोहित थापा के साथ 7/8 गोरखा राइफल्स की सेवा में शामिल होंगे। एक सैनिक की बेटी यशविनी ढाका ने 2017 में भारतीय वायुसेना के वर्कहॉर्स एमआई-17वी5 बहु उद्देशीय हेलीकॉप्टर के पायलट स्क्वाड्रन लीडर कुलदीप सिंह से शादी की थी, लेकिन किस्मत को कुछ और मंजूर था। 

शादी के चार साल बाद आठ दिसंबर 2021 को कुलदीप सिंह ने सीडीएस जनरल बिपिन रावत को उधगमंडलम के वेलिंगटन स्थित डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज पहुंचाने के लिए वायुसेना के अड्डे से उड़ान भरी। उन्होंने कोयंबटूर के पास सुलूर स्थित वायुसेना के अड्डे उड़ान भरी लेकिन गंतव्य पर पहुंचने से महज कुछ मिनट पहले हेलीकॉप्टर नीलगिरि की पहाड़ी में दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिससे उसमें सवार यात्रियों की मौत हो गई। इनमें सिंह की भी सीडीएस और अन्य लोगों के साथ मृत्यु हो गई। इस त्रासदी ने यश्विनी का जीवन बदल दिया और उन्होंने सेना में शामिल होने का फैसला किया। 

ओटीए ने एक विज्ञप्ति में बताया, ‘‘पारंपरिक रूप से ओटीए प्रवेश के लिए 21 से 27 वर्ष की उम्र तय है। इस वीर नारी को उम्र में खुद से बहुत छोटे बैच के साथियों के साथ रहते हुए एक बिल्कुल नए जीवन के लिए अभ्यस्त होना पड़ा।'' अपने व्यक्तिगत गम से उबरकर, वह अपने पति को गौरवान्वित करने के लिए सेना में अधिकारी बनीं। तमिलनाडु के इरोड जिले के एक कृषक परिवार की सरन्या एम भी सेना में कमीशन प्राप्त किया है। उन्होंने सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और अपने परिवार की पहली स्नातक महिला हैं। सरन्या ने एक आईटी कंपनी की नौकरी ठुकराकर सेना में शामिल होने का विकल्प चुना। 

Pardeep

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