पति की मौत पर नहीं रोई पत्नी, हाईकोर्ट ने सुनाई पांच साल कैद की सजा

Thursday, Nov 01, 2018 - 06:56 PM (IST)

दिसपुर:  गुवाहाटी हाईकोर्ट ने एक महिला को केवल इसलिए पति की हत्या का दोषी माना, क्योंकि वह अपने पति मौत पर रोई नहीं थी। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने महिला के न रोने वाले तर्क को खारिज कर दिया और उसे बरी करने का आदेश दिया। दरअसल, असम में एक पत्नी को अपने पति की हत्या के आरोप में दोषी माना गया था और उसे उम्रकैद की सुनाई गई थी। ​महिला पिछले पांच सालों से जेल में सजा काट रही है।

हालांकि, जब यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो जस्टिस आरएफ नरीमन और जस्टिस नवीन सिन्हा की बेंच ने कहा कि जो सबूत पेश किए गए हैं, उससे यह साबित नहीं होता कि महिला ने अपने पति की हत्या की। इसलिए महिला को जेल से रिहा किया जाए।

निचली अदालत ने महिला को सिर्फ इस आधार पर सजा सुनाई थी कि वह रोई नहीं थी। हैरानी की बात यह है कि गुवाहाटी हाईकोर्ट ने भी इस सजा को बरकरार रखा था। गुवाहाटी हाईकोर्ट का कहना था कि महिला अपने पति की मौत पर नहीं रोई, यह एक अप्राकृतिक व्यवहार है, जो महिला को दोषी साबित करता है।

वहीं, जब निचली अदालत ने महिला को सजा सुनाई थी तो तर्क दिया था कि हत्या की रात महिला अपने पति के साथ थी और वह हत्या के बाद रोई भी नहीं थी। इसलिए महिला पर शक जाता है कि उसने ही अपने पति की हत्या की।
 

shukdev

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