'घर बनाएंगे, बच्चे होंगे लेकिन अगली सुबह शहादत की खबर मिली', शहीद कैप्टन अंशुमन सिंह को याद कर भावुक हुई पत्नी

punjabkesari.in Sunday, Jul 07, 2024 - 02:04 PM (IST)

नेशनल डेस्क: असाधारण बहादुरी के लिए मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किए गए सेना चिकित्सा कोर के कैप्टन अंशुमन सिंह की पत्नी स्मृति ने अपने पति को याद करते हुए कहा कि वह अक्सर कहा करते थे कि ‘‘मैं साधारण मौत नहीं मरूंगा। मैं सीने पर गोली खाकर मरूंगा।'' कैप्टन सिंह को जब कीर्ति चक्र से शुक्रवार को सम्मानित किया गया तो यह उनके परिवार के लिए उनकी वीरता पर गर्व करने का क्षण था और पुरस्कार ग्रहण करते समय उनकी पत्नी और मां के चेहरे पर दुख एवं गर्व का मिलाजुला भाव दिखाई दिया।

राष्ट्रपति ने पत्नी और मांग को प्रदान किया कीर्ति चक्र
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को रक्षा अलंकरण समारोह में दिवंगत अधिकारी की पत्नी और मां मंजू सिंह को कैप्टन अंशुमन सिंह की शहादत पर कीर्ति चक्र प्रदाऩ किया। यह शांतिकाल में वीरता के लिए दिया जाने वाला दूसरा सबसे बड़ा पुरस्कार है। राष्ट्रपति भवन ने 'एक्स' पर एक पोस्ट साझा कर कहा, ‘‘राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सेना चिकित्सा कोर, 26वीं बटालियन पंजाब रेजिमेंट के कैप्टन अंशुमन सिंह को मरणोपरांत कीर्ति चक्र प्रदान किया। अपनी सुरक्षा की परवाह किए बगैर उन्होंने आग लगने की एक बड़ी घटना में कई लोगों को बचाने के लिए असाधारण बहादुरी का परिचय दिया।''
 

रक्षा मंत्रालय ने साझा किया वीडियो 
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने शनिवार को सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर स्मृति का एक वीडियो साझा किया, जिसमें उन्होंने अपने पति को याद करते हुए बताया कि वे दोनों कैसे एक-दूसरे के हमसफर बने थे। कैप्टन सिंह की पत्नी ने कहा, ‘‘वह बहुत काबिल थे। वह मुझसे कहा करते थे,‘मैं सीने पर गोली खाकर मरूंगा। मैं ऐसी साधारण मौत नहीं मरूंगा जिसके बारे में किसी को पता ही न चले।'' कैप्टन सिंह की शहादत की कहानी भी आम नहीं है। कैप्टन सिंह पिछले वर्ष जुलाई में भीषण आग से लोगों को बचाते समय शहीद हो गये थे।
PunjabKesari
हम इंजीनियरिंग कॉलेज के पहले दिन मिले थे- पत्नी 
वीडियो में गमगीन नजर आ रहीं स्मृति ने अपने पति को याद करते हुए बताया कि कैप्टन अंशुमन और उनके बीच ‘‘पहली नजर में प्यार'' हुआ और फिर आठ साल तक 'लॉन्ग डिस्टेंस रिलेशनशिप' में रहने के बाद उन्होंने शादी की। स्मृति ने सिंह के साथ बिताए हुए प्यारे पलों को याद करते हुए कहा, ''हम इंजीनियरिंग कॉलेज के पहले दिन मिले थे। एक तरह से यह पहली नजर का प्यार था। एक महीने बाद अंशुमन का सशस्त्र बल मेडिकल कॉलेज में चयन हो गया। वह बहुत मेधावी थे। सिर्फ एक महीने की मुलाकात के बाद हम आठ साल 'लॉन्ग डिस्टेंस रिलेशनशिप' में रहे।''
PunjabKesari
सो कर उठी तो मुझे फोन आया, वह अब नहीं रहे- पत्नी 
स्मृति ने कहा, ‘‘फिर हमने शादी करने का फैसला किया लेकिन विवाह के दो महीने के भीतर ही उनकी तैनाती सियाचिन में हो गई। मैंने अंशुमन से 18 जुलाई को बहुत देर तक फोन पर बात की। इस दौरान हमने अगले 50 साल की योजना, अपना एक घर बनाने, बच्चों को जन्म देने और भी बहुत सारी बातें कीं, लेकिन अगले दिन जब मैं सो कर उठी तो मुझे फोन आया कि वह अब नहीं रहे।'' उन्होंने कहा कि वह आज तक इस गम से उबर नहीं पाई हैं।

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

rajesh kumar

Related News