बिल में मुसलमानों को क्यों नहीं किया गया शामिल ? कांग्रेस के सवालों का अमित शाह का राज्यसभा में जवाब

Wednesday, Dec 11, 2019 - 08:01 PM (IST)

नई दिल्ली: राज्यसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पर कांग्रेस के सवालों का जवाब देते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि अगर इस देश का बंटवारा नहीं होता तो ये बिल नहीं लाना पड़ता। बंटवारे के बाद पैदा हुए हालात के कारण ये बिल लाना पड़ा है। देश की समस्याओं का समाधान लाने के लिए मोदी सरकार आई है। अमित शाह ने कहा कि नागरिकता पहली बार नहीं दी जा रही है। पहले बांग्लादेशियों को क्यों नहीं दी गई नागरिकता। जब श्रीलंका की समस्या थी तब उसको एड्रेस किया गया। आज तीन देश में अल्पसंख्यकों के साथ समस्या है तो हम उसको एड्रेस कर रहे है। 


अमित शाह ने कहा कि नेहरू-लियाकत समझौते के तहत दोनों पक्षों ने स्वीकृति दी कि अल्पसंख्यक समाज के लोगों को बहुसंख्यकों की तरह समानता दी जाएगी, उनके व्यवसाय, अभिव्यक्ति और पूजा करने की आजादी भी सुनिश्चित की जाएगी, ये वादा अल्पसंख्यकों के साथ किया गया। लेकिन वहां लोगों को चुनाव लड़ने से भी रोका गया, उनकी संख्या लगातार कम होती रही। और यहां राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, चीफ जस्टिस जैसे कई उच्च पदों पर अल्पसंख्यक रहे। यहां अल्पसंख्यकों का संरक्षण हुआ।
 
 

पश्चिम बंगाल सहित सभी राज्यों में लागू होगा बिल: शाह
अमित शाह ने कहा कि मुसलमानों को डरने की जरूरत नहीं है। नागरिकता बिल में किसी की भी नागरिकता लेने का प्रावधान नहीं है, देने का प्रावधान है। बंगाल समेत देश के सभी राज्यों में ये बिल लागू होगा। 

अमित शाह का शिवसेना पर निशाना
शिवसेना पर निशाना साधते हुए अमित शाह ने कहा कि लोग सत्ता के लिए कैसे-कैसे रंग बदल लेते हैं। शिवसेना ने लोकसभा में बिल का समर्थन किया तो फिर एक रात में ऐसा क्या हो गया जो आज विरोध में खड़े हैं।

'कांग्रेस नेताओं और इमरान खान के बयान एक जैसे'
कांग्रेस के नेताओं के बयान और पाकिस्तान के नेताओं के बयान कई बार घुलमिल जाते हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कल जो बयान दिया और जो बयान आज सदन में कांग्रेस के नेताओं ने दिए वे एक समान हैं।पाकिस्तान का नाम लेने पर कांग्रेस गुस्सा क्यों हो जाती है। कांग्रेस के नेताओं के बयान को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने यूएन में कोट किया।

shukdev

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