4500 फीट की ऊंचाई पर बनाया गया सिक्किम का पाकयोंग एयरपोर्ट, जानिए क्या है खास?

Monday, Sep 24, 2018 - 06:22 PM (IST)

नई दिल्लीः चीनी सीमा से महज 60 किलोमीटर की दूरी पर भारत ने एक एयरपोर्ट बना लिया है। ये सिक्किम का पहला एयरपोर्ट है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकयोंग में नए एयरपोर्ट का उद्घाटन किया। सिक्किम की राजधानी गंगटोक से 30 किलोमीटर दूर पाकयोंग शहर तक पहुंचने में लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ता था। यहां के लोग आजादी के बाद से एयरपोर्ट बनने का इंतजार कर रहे थे, लेकिन यह एयरपोर्ट खास क्यों है? क्यों इस एयरपोर्ट के शुरू होने का इंतजार लंबे समय से था? जानते हैं इसके बारे में। वर्ष 2009 में पाकयोंग में इस एयरपोर्ट की आधारशिला रखी गई थी। नौ साल बाद अब ये बनकर तैयार है। हालांकि, ये प्रोजेक्ट और पहले भी शुरू हो सकता था, लेकिन भूमि अधिग्रहण संबंधी दिक्कतों के कारण इसमें कुछ देर हुई। 4 अक्टूबर को स्पाइट जेट का 78 सीट वाला प्लेन यहां से पहली कमर्शियल फ्लाइट भरेगा।

देश का 100वां ऑपरेशनल हवाई अड्डा
पहले गंगटोक के लोगों को फ्लाइट पकड़ने के लिए 124 किमी दूर बागडोगरा जाना होता था। अब उन्हें इससे निजात मिल जाएगी। साथ ही, इस एयरपोर्ट के बनने से सिक्किम के टूरिज्म और आर्थिक विकास को बल मिलेगा। सिक्किम अकेला ऐसा राज्य था, जिसके पास अपना कोई एयरपोर्ट नहीं था। अब इस राज्य के पास भी अपना एयरपोर्ट हो गया, जो देश का सौवां ऑपरेशनल हवाई अड्डा है।

सामरिक दृष्टि से काफी अहम है एयरपोर्ट 
आपको बता दें कि 4500 फीट की ऊंचाई पर स्थित पाकयोंग एयरपोर्ट भारत के सबसे ऊंचाई वाले 5 एयरपोर्ट्स में से एक है। यह करीब 900 एकड़ इलाके में फैला है। इसके अलावा, यह उत्तर-पूर्वी राज्‍यों में बना पहला ग्रीनफील्‍ड एयरपोर्ट भी है। इस एयरपोर्ट के बाद यहां पर पर्यटन उद्योग को काफी फायदा पहुंचने की उम्‍मीद है। इसके अलावा, यह एयरपोर्ट सामरिक दृष्टि से भी काफी अहम है।  

क्या है एयरपोर्ट की क्षमता?

  • इसके 1.75 मीटर लंबे रनवे के साथ 116 मीटर का टैक्सी-वे है, जिससे  हवाई पट्टी पर एक ही समय में दो विमान उतारे जा सकते हैं।
  • एयरपोर्ट की क्षमता सौ यात्रियों की है।
  • रनवे की लाइट्स हाई इंटेसिटी की है।
  • एयरपोर्ट को कमर्शियल ऑपरेशन्स का लाइसेंस इस साल मार्च में ही मिल चुका है।

10 प्वाइंट में समझिए क्यों खास है सिक्किम एयरपोर्ट

  •  यह एयरपोर्ट चीन बॉर्डर से सिर्फ 60 किमी दूर है। यह एयरपोर्ट देश का 100वां वर्किंग एयरपोर्ट होगा।
  •  पाकयोंग ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा 4500 फीट की ऊंचाई पर बनाया गया है।
  •  इसमें जियोटेक्निकल इंजीनियरिंग का इस्तेमाल किया गया है।
  •  स्लोप स्टेबलाइजेशन तकनीक भी लगाई गई है।
  •  यहां मिट्टी में एयरपोर्ट की जरूरतों के हिसाब से बदलाव किए गए हैं।
  •  स्पाइसजेट को रीजनल कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए 'उड़े देश का हर नागरिक' (उड़ान) योजना के तहत ऑपरेशन की इजाजत मिली है, इसलिए किराये पर दी गई कैप 2,600 रुपए है।
  •  इससे पहले फ्लाइट से सिक्किम आने वालों को पश्चिम बंगाल के बागडोगरा हवाई अड्डे पर उतरना होता था, जो यहां से करीब 128 किलोमीटर दूर है।
  •  कोलकाता और गुवाहाटी के बीच उड़ानें अक्टूबर से शुरू होने की संभावना।
  •  आने वाले समय में पाकयोंग से भूटान, नेपाल और थाईलैंड के लिए फ्लाइट शुरू हो सकती है।
  •  भारतीय वायुसेना का एक डोर्नियर 228 इस हवाई अड्डे पर ट्रायल के तौर पर उतारा गया था।

jyoti choudhary

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