भारतीय सेना की शान गोरखा रेजिमेंट से क्यों कांप रहा चीन ?

punjabkesari.in Monday, Aug 17, 2020 - 10:50 AM (IST)

नेशनल डेस्क: भारत के पड़ोसी देश चीन की चालबाजी से हर कोई वाकिफ है। वह दुनिया पर अपना दबदबा बनाने के लिए कई पैंतरे अपना चुका है। लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) में आए दिन साजिश रच रहे चीन की अब नजर भारत की सेना पर टिक गई है। इसीका नतीजा है कि वह अब यह पता लगाने में जुट गया है कि नेपाली गोरखा भारत की सेना में शामिल क्यों होते हैं। 

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खबरों की मानें तों चीन का काठमांडू में दूतावास और नेपाल में उसकी राजदूत हाओ ये पता लगाने की कोशिश में जुट गए हैं कि नेपाल के लोगों और भारतीय सेना के बीच इस अटूट रिश्ते की वजह क्या है। दरअसल गोरखा रेजिमेंट भारतीय सेना की सबसे बड़ी रेजिमेंटों में से एक है, जिसे लेकर चीन में खलबली मची हुई है। जानिए भारतीय सेना में गोरखा रेजिमेंट को क्यों माना जाता है सबसे जांबाज इकाई। 

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गोरखा को मिल चुके हैं कई सम्मान

  • गोरखा राइफल्स की स्थापना वर्ष 1817 में बनारस (वाराणसी) में की गई थी।
  • इसने प्रथम एवं द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश इंडियन आर्मी और आजादी के बाद भारतीय सेना के एक महत्वपूर्ण अंग के तौर पर कई युद्धों में वीरता की मिसालें कायम कीं। 
  • 9 गोरखा राइफल्स रेजिमेंट के नेपाली मूल के जवानों को अब तक 9 विक्टोरिया क्रास, एक अशोक चक्र, पांच पीवीएसएस, पांच महावीर चक्र समेत कई पुरस्कार मिल चुके हैं। 
  • पहाड़ों-सा मजबूत इरादा रखने वाले गोरखा जवानों का संकल्प 'कायर होनू गंदा, मरनू रामरो' यानी कायर होने से मर जाना बेहतर है। 

 

‘खुकरी’ गोरखा सैनिकों की पहचान

  • गोरखा रेजिमेंट की पहचान 12 इंच लंबी और मुड़ी हुई ‘खुकरी‘ से होती है।
  • यह खुकरी का सिंबल अधिकारी से लेकर सैनिकों तक की वर्दी के कंधों और सेना की टोपी पर बना होता है।
  • आइएमए में ट्रेनिंग पूरी करने के बाद जब आर्मी ऑफिसर को गोरखा रेजिमेंट में भेजा जाता है, तब उन्हें वहां ‘खुकरी’ जरुर दी जाती है।
  • गोरखाओं के साहस के कारण उन्हें कई दूसरे देशों जैसे यूके, सिंगापुर, मलेशिया में भी सेना में शामिल किया गया है।
  • गोरखा सैनिक एक खास तरह की हैट पहनते हैं, जिसकी पट्टी या बेल्ट ठुड्डी के नीचे से होते हुए जाने की बजाए निचले होंठ से गुजरता है।
  • खुद को गैरजरूरी बातों से बचाने के लिए लोअर लिप के नीचे से हैट की पट्टी ले जाते हैं ताकि उन्हें अपनी ड्यूटी याद रहे।

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vasudha

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