भारत में क्यों बढ़ रही है हृदय संबंधी बीमारियां? वजह जान चौंक जाएंगे आप
punjabkesari.in Thursday, Jul 24, 2025 - 11:47 PM (IST)

नेशनल डेस्कः भारत में दिल से जुड़ी बीमारियों की समस्या अब एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट का रूप ले चुकी है। पिछले पांच वर्षों में हृदय रोग से संबंधित दवाइयों की बिक्री में 50 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है — जो यह संकेत देती है कि देश में हृदय रोग कितनी तेज़ी से फैल रहे हैं।
एक प्रमुख फार्मास्युटिकल रिसर्च एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2021 में कार्डियक दवाओं की बिक्री ₹1,761 करोड़ थी, जो कि 2025 तक बढ़कर ₹2,645 करोड़ तक पहुंच गई। इस आंकड़े में हर साल औसतन 10.7% की वृद्धि देखी गई है। दिल की दवाएं अब गैस्ट्रिक, डायबिटीज़ और संक्रमण जैसी अन्य श्रेणियों की दवाओं से भी अधिक बिक रही हैं।
हृदय रोग बढ़ने के मुख्य कारण
वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. अक्षय मेहता के अनुसार, "भारत की बुज़ुर्ग होती आबादी, तनावपूर्ण जीवनशैली, और खानपान में गिरावट" जैसे कारक इस बढ़ोतरी के लिए प्रमुख रूप से जिम्मेदार हैं। हालांकि, अब पहले के मुकाबले डायग्नोसिस और इलाज की सुविधाएं बेहतर हो चुकी हैं, जिससे ज़्यादा लोग समय रहते दवाइयों का सहारा ले पा रहे हैं।
साथ ही, हाई ब्लड प्रेशर की परिभाषा में बदलाव (अब 120/80 से ऊपर को भी खतरा माना जाता है) के कारण भी पहले से अधिक लोगों को दिल की बीमारी की श्रेणी में शामिल किया जा रहा है।
भारत में तेजी से बढ़ती हृदय संबंधी बीमारियां
विशेषज्ञों के अनुसार, भारत में दिल की बीमारियाँ अब केवल बुजुर्गों तक सीमित नहीं रहीं। 30 से 45 वर्ष की आयु के युवाओं में भी हार्ट अटैक, कार्डियक अरेस्ट और स्ट्रोक जैसे मामलों की संख्या में तेज़ी से वृद्धि हो रही है।
प्रमुख हृदय रोग:
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कोरोनरी आर्टरी डिज़ीज़ (CAD): हृदय की धमनियों में कोलेस्ट्रॉल जमा होने से रक्त प्रवाह बाधित होता है।
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हार्ट अटैक (Myocardial Infarction): दिल की मांसपेशियों तक रक्त का प्रवाह अचानक रुकने पर होता है।
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स्ट्रोक (Stroke): मस्तिष्क में रक्त आपूर्ति रुकने से होने वाला जीवनघातक संकट।
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कार्डियक अरेस्ट: दिल की धड़कन अचानक बंद हो जाना। भारत में हर साल इससे करीब 7 लाख मौतें होती हैं।
जोखिम बढ़ाने वाले प्रमुख कारक
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अनियमित खानपान और फास्ट फूड की बढ़ती खपत
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तनावपूर्ण जीवनशैली और नींद की कमी
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धूम्रपान और शराब का अत्यधिक सेवन
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मोटापा, डायबिटीज़ और हाई ब्लड प्रेशर
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शारीरिक गतिविधियों की कमी
डॉक्टरों का कहना है कि कई बार कार्डियक अरेस्ट का स्पष्ट कारण नहीं मिल पाता, लेकिन खराब लाइफस्टाइल, मानसिक तनाव और लगातार बढ़ता वज़न इसके पीछे बड़ी वजह बनते हैं।
क्या कर सकते हैं आप?
विशेषज्ञों की राय में, अगर लोग अपनी जीवनशैली में संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, और तनाव प्रबंधन को अपनाएं, तो हृदय संबंधी बीमारियों से बचाव संभव है। साथ ही, नियमित हेल्थ चेकअप, ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल की निगरानी भी बेहद जरूरी है।
आंकड़े नहीं, चेतावनी है यह
भारत में हृदय रोग से जुड़ी दवाइयों की बढ़ती बिक्री केवल एक औषधीय रुझान नहीं, बल्कि स्वास्थ्य तंत्र के लिए एक चेतावनी है। यह इस बात का संकेत है कि अब दिल की सेहत केवल बुज़ुर्गों का नहीं, युवाओं का भी मामला बन चुकी है। यदि हम अभी से अपने आहार, व्यायाम और मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं देंगे, तो यह संकट आने वाले वर्षों में और भी गहराता जाएगा।