'हमें 1990 में ही कश्मीर घाटी छोड़ देनी चाहिए थी', आतंकियों ने कश्मीरी पंडित को मारी गोली तो भाई का छलका दर्द

Wednesday, Apr 06, 2022 - 01:29 PM (IST)

नेशनल डेस्क: आतंकियों की गोली का शिकार बने कश्मीरी पंडित बाल कृष्ण भट्ट उर्फ सोनू के भाई ने अपना दर्द साझा करते हुए कहा कि हमने घाटी में रुककर अपनी जिंदगी बर्बाद कर ली है। उनका कहना है कि हमें साल 1990 में ही कश्मीर को छोड़ देना चाहिए था। यहां रुककर हमने बड़ी गलती कर दी है। कोई नहीं चाहता कि कश्मीर में हिंदू रहें। यहां के लोग हमारी संपत्ति को हड़पना चाहते हैं। यहां तक की हमारे श्मशान घाट को भी नहीं बख्शा, इन्होंने उनके ऊपर भी अपने घर बना लिए हैं। 

30 साल से कश्मीर में रह रहे थे बाल कृष्ण भट्ट
बता दें कि, बीते सोमवार को कश्मीरी पंडित बाल कृष्ण भट्ट उर्फ सोनू पर आतंकियों ने फायरिंग की थी। उन्हें तीन गोलियां लगी थीं। इसके बाद गंभीर हालत में सोनू को नजदीकी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। यह घटना जम्मू-कश्मीर के शोपियां में घटित हुई थी। बाल कृष्ण भट्ट पेशे में मेडिकल स्टोर संचालक हैं और उन्होंने कश्मीर से पंडितों के विस्थापन के दौरान भी घाटी नहीं छोड़ी थी। वे 30 साल से कश्मीर में रह रहे थे। आतंकियों ने बीते दिन 7 लोगों को गोली मारी है। इनमें पुलवामा में 4 गैरस्थानीय मजदूर, श्रीनगर में 2 सीआरपीएफ जवान और अब शोपियां में एक कश्मीरी पंडित इनका निशाना बने हैं। 

यह मोदी सरकार की सबसे बड़ी बिफलता साबित होगी
कश्मीरी पंडित पर हुए आतंकी हमले पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व डीजीपी एसपी वैद्य ने कहा कि हार्ड कोर इस्लामिक एजेंडा के तहत घाटी से पूरी तरह से कश्मीरी पंडितों का पलायन कराया जा रहा है। यहां जो भी कश्मीरी पंडित बचे हुए हैं, उन्हें भगाने की तैयारी हो रही है। इसी एजेंडे के तहत ही गैर स्थानीय मजदूरों पर भी हमला किया गया था। इनका कहना है कि अगर अनुच्छेद 370 हटाने के बाद भी कश्मीरी पंडितों को नहीं बसाया गया तो यह मोदी सरकार की सबसे बड़ी बिफलता साबित होगी। 

rajesh kumar

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