जब मोदी ने चीनी नेताओं से की बात

Sunday, Nov 26, 2017 - 11:45 AM (IST)

नेशनल डैस्कः प्रधानमंत्री मोदी ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज सहित अपनी कोर राजनयिक टीम को एक मंत्र दिया था कि वह इंटरनैशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आई.सी.जे.) के लिए जस्टिस दलवीर भंडारी के चुनाव अभियान पर पूर्णत: गोपनीयता बनाए रखे। मोदी को 2016 में उस समय झटका लगा था जब उन्होंने परमाणु आपूर्ति ग्रुप की सदस्यता प्राप्त करने के लिए तीखी सार्वजनिक राजनयिक लड़ाई लड़ी थी मगर वह बुरी तरह विफल रहे। इस बार प्रधानमंत्री बहुत ही सतर्क थे और वह निजी रूप से आई.सी.जे. पद के लिए भारत के दलवीर भंडारी की जीत के लिए विश्वव्यापी अभियान की देखभाल करते रहे।

मोदी ने निजी तौर पर अमरीका, चीन, फ्रांस, जर्मनी और रूस पर ध्यान केन्द्रित किया। उन्होंने ब्रिटेन पर भी ध्यान दिया जो पी5+1 के शक्तिशाली क्लब के सदस्य हैं। यह मोदी ही थे जिन्होंने इस निर्णायक लड़ाई में चीन की मदद प्राप्त की जब उन्होंने फिलीपींस में आसियान कांफ्रैंस में हिस्सा लिया था। वह जानते थे कि चीन की मदद से ही पी5 ग्रुप और अन्य 15 यू.एन.एस.सी. सदस्यों पर जीत हासिल की जा सकती है। जस्टिस भंडारी को भी बताया गया था कि वह कोई बयान न दें। मोदी के लिए यह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अच्छा समय था क्योंकि उनका ग्राफ तेजी से ऊपर बढ़ रहा है।

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