...जब राजीव गांधी के विरोध में उतर आए थे विदेश सेवा के अधिकारी, नटवर सिंह ने किया था बीच-बचाव

Wednesday, Aug 03, 2022 - 02:01 PM (IST)

नेशनल डेस्क: विदेश सेवा के अधिकारियों का एक समूह 1987 में विदेश सचिव ए पी वेंकैटेश्वरन को हटाए जाने की स्तब्ध कर देने वाली घोषणा के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के खिलाफ हो गया था और तब नाराज राजनयिकों को शांत करने के लिए राजनयिक से नेता बने एन नटवर सिंह को बीच-बचाव करना पड़ा था। तत्कालीन राज्य मंत्री सिंह ने दिवंगत राजदूत योगेश एम तिवारी के संस्मरण ‘एन अनफिनिश्ड जर्नी' के विमोचन पर मंगलवार को यह किस्सा सुनाया। सिंह ने बताया कि एक पाकिस्तानी राजनयिक के प्रश्न के उत्तर में राजीव गांधी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा था, ‘‘आप जल्द ही एक नए विदेश सचिव से बात करेंगे।''

 

इस दौरान वेंकैटेश्वरन भी वहां मौजूद थे। उन्होंने कहा कि इसके बाद वह राजीव गांधी के पास पहुंचे और उनसे इस मामलों को लेकर सवाल किया। सिंह ने कहा, ‘‘राजीव ने कहा, ‘मुझे नहीं पता था कि वह (वेंकैटेश्वरन) वहां बैठे हैं', तो मैंने कहा कि ‘यदि वह वहां नहीं भी बैठे होते, तो भी आप ऐसा नहीं कर सकते थे।' योगेश तिवारी ने प्रधानमंत्री के इस कदम का विरोध करने के लिए अपने मित्रों को एकत्र किया। मुझे जब यह पता चलगा, तो मैंने उनसे कहा कि ‘आपको यह क्या विदेश सेवा व्यापार संघ लगता है? आप ऐसा कुछ नहीं करेंगे'।''

 

सिंह ने कहा, ‘‘मैं राजीव के पास गया और उनसे कहा कि मैंने इसे (विरोध को) रोक दिया है, लेकिन मंत्रालय में लोग स्तब्ध हैं। उन्होंने कहा, ‘मुझे क्या करना चाहिए', तो मैंने कहा कि कुछ मत कीजिए।'' बहरहाल, सिंह ने कहा कि वेंकैटेश्वरन ने राजीव गांधी की मौजूदगी में कई मौकों पर ‘‘गंभीरता की कमी'' दिखाई। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने भी इस घटना के जुड़े किस्से साझा किए। पूर्व विदेश सचिव श्याम सरन और संयुक्त राष्ट्र के पूर्व अवर महासचिव विजय नांबियार ने भी इस अवसर पर अपने विचार रखे। उन्होंने तिवारी की बौद्धिक क्षमताओं, स्पष्ट दृष्टिकोण और अन्य देशों के अपने साथी राजनयिकों को प्रभावित करने की उनकी क्षमता की सराहना की। इस अवसर पर तिवारी की पत्नी उमा तिवारी और उनके बेटे अनुराग तिवारी ने भी योगेश एम तिवारी से जुड़े किस्से साझा किए। 

Seema Sharma

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