ऑफ द रिकॉर्डः जब अमित शाह ने करवाई पत्रकारों की तसल्ली

Wednesday, Feb 05, 2020 - 08:58 AM (IST)

नेशनल डेस्कः संसद में मंगलवार का दिन कुछ हटकर था जब गृह मंत्री के पास काफी समय था। वह व्यक्ति जिसके पास काफी काम रहता है और जो हमेशा व्यस्त रहता है, काफी अलग नजर आ रहा था। सुबह 11.30 बजे वह संसद में अपने चैंबर में आए और पत्रकारों से मिलने की इच्छा जताई जो कि उनके लिए (पत्रकारों के लिए) काफी दुर्लभ बात थी। आम तौर पर पत्रकार उन्हें वहां देख तक नहीं पाते हैं लेकिन अमित शाह ने उनसे मिलने का फैसला किया और उनके साथ 90 मिनट तक लंबी बातचीत की। खास बात यह भी रही कि इस पूरे संवाद के दौरान उन्होंने भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा को भी अपने साथ बिठाए रखा

इस दौरान पत्रकारों ने यह बात उठाई कि यदि शाहीन बाग में महिलाएं धरने पर नहीं बैठी होतीं तो उन्हें लोगों को यह कहने का अवसर नहीं मिलता कि वे बढ़ते खतरे से सावधान रहें। अमित शाह ने पत्रकारों की इस बात को खारिज कर दिया। उन्होंने भरोसा जताया कि इस सबसे आक्रामक प्रचार से पार्टी को लाभ हो रहा है और चुनाव विश्लेषक गलत साबित हो जाएंगे।

हालांकि शाह ने पत्रकारों को चेताया कि बहुत-सी चीजें ‘ऑफ द रिकॉर्ड’ हैं, फिर वह चाहे राम मंदिर ट्रस्ट का निर्माण हो, जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव हों नागालैंड समझौता अथवा जम्मू-कश्मीर और नॉर्थ-ईस्ट का दौरा हो, पश्चिम बंगाल में चुनाव के नतीजे हों, कुछ पार्टी नेताओं की ओर से केजरीवाल को आतंकवादी कहना तथा नैटग्रिड व एन.सी.टी.सी. इत्यादि हो। कुछ अज्ञात कारणों से फिलहाल इन सब मामलों पर अमित शाह आधिकारिक तौर पर कुछ भी नहीं कहना चाहते हैं। इस पूरे सत्र के दौरान पत्रकार सवाल पूछ-पूछ कर थक गए लेकिन शाह बेबाकी से हर सवाल का जवाब देते रहे और इस प्रकार वह पत्रकारों के सवालों की बौछार के बावजूद पिच पर लगातार डटे रहे।

Seema Sharma

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