जासूसी पर घिरे WhatsApp की सफाई- मई में भारत सरकार को दी थी जानकारी

Saturday, Nov 02, 2019 - 11:35 AM (IST)

नेशनल डेस्क: सोशल मीडिया एप व्हाट्सएप के जरिए दुनिया के 1400 से ज्यादा लोगों की जासूसी का मामला सामने आने के बाद देश में भूचाल सा आ गया है। जहां विपक्ष मोदी सरकार को इसके लिए जिम्मेदार ठहरा रहा है तो वहीं वॉट्सऐप ने भी इसे लेकर बड़ा बयान दिया है। कंपनी के अनुसार भारतीयों की जासूसी के बारे में मई में ही सरकार को बता दिया गया था। 

कंपनी ने अपने बयान में ​कहा कि हमें मई में भारत के कुछ खातों के निजता के साथ छेड़छाड़ की सूचना मिली थी। हमें पता चला था कि कुछ खातों के निजता का हनन हुआ है, इस सूचना के मिलते ही हमनें तुरंत इसे ठीक करने की प्रक्रिया शुरू की थी। बयान में कहा गया कि किसी भी यूज़र की गोपनीयता और सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है। हमने इस साल तुरंत ही इस मसले को सुलझा लिया था और भारत और अंतरराष्ट्रीय सरकारों को इस सिलसिले में आगाह भी कर दिया था। 

बता दें कि इससे पहले व्हाट्सऐप ने कई भारतीय पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को बताया था कि इजराइली स्पाईवेयर 'पेगासस' के वैश्विक स्तर पर जासूसी की जा रही है। भारत के कुछ पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता भी इस जासूसी का शिकार बने हैं। इस खुलासे के बाद भारत सरकार ने व्हाट्सऐप से मामले पर स्पष्टीकरण मांगा है। सरकार ने कंपनी से पूछा है कि उसने करोड़ों भारतीयों की निजता की सुरक्षा के लिये क्या कदम उठाये हैं।

भारत में जिन लोगों को निशाना बनाया गया, उनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल, पूर्व लोकसभा सांसद और पत्रकार संतोष भारतीय के नाम शामिल है। कंपनी ने ऐसे 41 लोगों की पहचान की है, जिनकी जासूसी हुई। इनमें से 21 पत्रकार, वकील और कार्यकर्ता हैं। इन लोगों से टोरेंटो स्थित रिसर्च फर्म सिटिजन लैब या फिर खुद व्हाट्सएप ने संपर्क करके जासूसी की जानकारी दी।


 

vasudha

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