संसद में एक मिनट की कार्यवाही पर खर्च हाेते है 2.5 लाख रुपए

Thursday, Dec 15, 2016 - 05:36 PM (IST)

नई दिल्लीः 15वीं लोकसभा का हाल देखने के बाद लोगों को उम्मीद थी कि 16वीं लोकसभा में हालात सुधरेंगे। शायद संसद में हंगामे और संसद ठप होने का दौर कम होगा। लेकिन एेसा कुछ नहीं हुअा और संसद में कामकाज के हालात बद से बदत्तर हाेते जा रहे हैं। संसद में एक मिनट की कार्यवाही का खर्च ढाई लाख रुपए पड़ता है। यानि एक घंटे का खर्च डेढ़ करोड़ रुपए तक अाता है। आमतौर पर राज्यसभा की कार्यवाही एक दिन में 5 घंटे चलती है, जबकि लोकसभा की कार्यवाही एक दिन में 8-11 घंटे चलती है। अगर लोकसभा और राज्यसभा को मिलाकर रोजाना घंटे काम हों तो सोमवार से शुक्रवार तक का खर्च बैठता है 115 करोड़। एेसे में 2010- 2014 के बीच संसद के 900 घंटे बर्बाद हुए, ताे साेचिए कितना पैसा बर्बाद हुअा हाेगा।

16वीं लोकसभा में अब तक नुकसानः-

- पहले सत्र में हंगामे की वजह से 16 मिनट बर्बाद हुए यानी 40 लाख का नुकसान।
- दूसरे सत्र में 13 घंटे 51 मिनट बर्बाद हुए यानी 20 करोड़ 7 लाख का नुकसान।
- तीसरे सत्र में 3 घंटे, 28 मिनट काम नहीं हुआ यानी 5 करोड़ 20 लाख का नुकसान।
- चौथे सत्र में 7 घंटे, 4 मिनट बर्बाद हुए यानी 10 करोड़ 60 लाख रुपये का नुकसान
- पांचवे सत्र में 119 घंटे बर्बाद हुए यानी 178 करोड़ 50 लाख का नुकसान हुआ।
- छठे और मौजूदा सत्र में भी रुक-रुक कर हो रहा काम।

करोड़ों रुपए हाे रहे बर्बाद 
संसद के छठे और माैजूदा सत्र में भी रुक-रुक कर काम हो रहा है। सत्र में जिस तरह से हंगामा हो रहा है और हर घंटे सदन की कार्यवाही ठप्प हो रही है उससे इतना तो साफ है कि इस बार भी करोड़ों रुपए यूं ही बर्बाद हो जाएंगे। अगर आम आदमी का एक मिनट में ढाई लाख रुपए का नुकसान हो जाए तो उसकी नींद उड़ जाती है। एेसे में सांसदाें काे उनके ऊपर खर्च होने वाले प्रति मिनट ढाई लाख रुपए के खर्च का कब अहसास हाेगा, ये कोई नहीं जानता। संसद में हर रोज होने वाले हंगामे से देश के ज्यादातर लोग निराश हैं। सियासी बयानबाजियों के बीच आखिर संसद में काम कब होगा, कोई नहीं जानता। 

आपकी कमाई से चलती है संसद
जानते हैं संसद की कार्यवाही के लिए जो इतने पैसे खर्च किए जाते हैं वो कहां से आते हैं। वो आते हैं हमारी और आपकी कमाई से। दिनरात हम और आप जी तोड़ मेहनत करके पैसा कमाते हैं फिर सरकार उस पर टैक्स वसूलती है, जिससे सरकारी खजाना भरता है। उसी खजाने से संसद की कार्यवाही पर खर्च करने के लिए पैसों का इंतजाम होता है।

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