ट्रंप के 50% टैरिफ का आने वाले 5 सालों में भारत पर क्या होगा असर ? जानिए

punjabkesari.in Friday, Aug 08, 2025 - 03:27 PM (IST)

नेशनल डेस्क: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर 50% टैरिफ लगाने से दोनों देशों के व्यापारिक रिश्तों में तनाव बढ़ गया है। यह फैसला भारतीय इकॉनामी के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह टैरिफ अगले 5 सालों तक जारी रहता है, तो इसका भारत पर दीर्घकालिक प्रभाव पड़ेगा। इससे निर्यात, आर्थिक विकास और रोजगार पर असर पड़ने की आशंका है। आइए  डिटेल में जानते हैं इसके बारे में-

निर्यात और जीडीपी होगी प्रभावित-

ट्रंप के टैरिफ से भारतीय उत्पादों की लागत अमेरिका में 30-35% तक बढ़ जाएगी। इससे अमेरिका में भारतीय सामानों की मांग में भारी गिरावट आ सकती है, जिससे भारत का निर्यात लगभग 40-50% तक कम हो सकता है। अर्थशास्त्रियों का अनुमान है कि यह भारत की GDP ग्रोथ को 0.4% से लेकर 1.1% तक घटा सकता है। खासतौर पर कपड़ा, रत्न, आभूषण, जूते-चप्पल और MSME (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) जैसे श्रम-गहन क्षेत्रों को सबसे ज़्यादा नुकसान होगा। इन सेक्टर्स में लाखों नौकरियां खतरे में पड़ सकती हैं।

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भारत की प्रतिक्रिया और वैकल्पिक रणनीतियाँ

इस चुनौती का सामना करने के लिए भारत सरकार ने कई रणनीतियाँ अपनानी शुरू कर दी हैं। भारत अमेरिका के साथ बातचीत जारी रखने की कोशिश कर रहा है, लेकिन कृषि और डेयरी जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में कोई समझौता न करने का अपना रुख स्पष्ट कर दिया है। इसके साथ ही भारत वैकल्पिक बाजारों की तलाश भी कर रहा है। ट्रंप के टैरिफ ने BRICS (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) जैसे समूहों को फिर से एकजुट होने का मौका दिया है, जिससे भारत इन देशों के साथ व्यापार और निवेश बढ़ा सकता है। यह कदम अमेरिकी दबाव को कम करने में मदद कर सकता है।

दीर्घकालिक प्रभाव और 'अवसर में आपदा'

यदि टैरिफ लंबे समय तक जारी रहता है, तो यह भारतीय उद्योगों को अपनी गुणवत्ता, टेक्नोलॉजी और क्षमता को बेहतर बनाने के लिए मजबूर कर सकता है, ताकि वे वैश्विक बाजार में अधिक प्रतिस्पर्धी बन सकें। कुछ उद्योगपतियों का मानना है कि यह स्थिति 'आपदा में अवसर' की तरह है, जो 1991 के आर्थिक उदारीकरण की तरह भारत के लिए आर्थिक उन्नति का एक नया रास्ता खोल सकती है। इसके लिए सरकार को प्रभावी नीतियाँ और सुधार लागू करने होंगे, ताकि निर्यात में आई कमी की भरपाई की जा सके।

(इसके अलावा कुछ अन्य चीज़ों पर भी इस टैरिफ का असर होगा, जिसके बारे में जानकारी आने वाले समय में सामने आएगी।) 


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News Editor

Radhika

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