जानिए, कर्नाटक सियासत में व्हीप के क्या हैं मायने ?

Friday, Jul 19, 2019 - 10:45 AM (IST)

नई दिल्लीः कर्नाटक में हाल में सियासी घमासान के चलते सत्ताधारी पार्टी जनता दल सेक्यूलर (जेडीएस) ने अपने विधायकों को गुरुवार को विश्वासमत के दौरान मौजूद रहने के लिए व्हीप जारी किया था। ताकि वह मौजूदा राजनीतिक उठक-पठक से खुद को बचा सके। हालांकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन के 15 बागी विधायकों के लिए व्हीप बाध्यकारी नहीं रहा। इसी सियासी घमासान के बीच ‘व्हीप’ शब्द की काफी चर्चा हुई। यह शब्द क्या है, इसे कौन जारी करता है और इसके क्या राजनीतिक नफा-नुकसान हैं। इसी की हम आगे विस्तार से चर्चा करेंगे।

व्हीप क्या है?

कैंब्रिज डिक्शनरी ने राजनीतिक संदर्भ में व्हीप को परिभाषित करते हुए बताया है कि यह एक लिखित आदेश होता है जिसे पार्टी अपने सांसदों और विधायकों को किसी विशेष मुद्दे पर वोटिंग के लिए सदन में मौजूद रहने की हिदायत देती है।


कौन जारी करता है?

व्हीप को सदन में कोई पार्टी अपनी जरूरत के अनुसार जारी कर सकती है। इसके लिए पार्टी अपने वरिष्ठ सदस्यों में से किसी को व्हीप चीफ नियुक्त करती है। हालांकि व्हीप चीफ की मदद के लिए अतिरिक्त व्हीप सदस्यों की नियुक्ति भी की जाती है। वैसे, चीफ व्हीप का जिक्र हमारे संविधान में नहीं है। व्हीप सदन में पार्टी और इसके सदस्यों के बीच प्रभावी संवाद के लिए जरूरी है।

कितनी तरह का होता है व्हीप?

व्हीप तीन प्रकार का होता है जैसे 1लाइन व्हीप, 2लाइन व्हीप, 3लाइन व्हीप। व्हीप को कितनी बार रेखांकित किया गया है, इस आधार पर इसके महत्व का अनुमान लगाया जा सकता है।

वनलाइन व्हीप में व्हीप को एक बार रेखांकित किया जाता है। इसका अर्थ है सदन में वोटिंग के समय पार्टी के कम से कम तय सदस्य उपस्थित होने चाहिए। कोई भी पार्टी अपने सांसदों या विधायकों को व्हीप जारी कर सकती है। यह व्हीप बाकी दो के मुकाबले आदेश मानने के लिए कम बाध्यकारी है। हालांकि इसमें विधायक या सांसद पार्टी के खिलाफ वोट नहीं कर सकता।  

2 लाइन व्हीप में इसे दो बार रेखांकित किया जाता है। इसकी अनिवार्यता वनलाइन व्हीप से अधिक है। इसमें पार्टी व्हीप जारी कर अपने सासंदों या विधायकों को वोटिंग के समय उपस्थित रहने का निर्देश देती है। इसमें अनुपस्थित रहने पर पार्टी प्रधान के प्रति सांसद या विधायक की अधिक जवाबदेही बनती है।

3 लाइन व्हीप में इसे तीन बार रेखांकित किया जाता है। इसके जारी होने पर व्हीप जारी करने वाली पार्टी के विधायकों या सांसदों की जिम्मेदारी बनती है कि वे पार्टी लाइन को पूरी तरह से निभाए। साथ ही वोटिंग के समय सदन में मौजूद रहें। इसे अविश्वास प्रस्ताव या किसी अहम बिल के दौरान ही जारी किया जाता है। इस दौरान गैर-हाजिर रहने पर पार्टी सख्त कदम भी उठा सकती है।

Ravi Pratap Singh

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