आखिर क्या है नबन्ना अभियान? जिसके डर से ममता बनर्जी ने तैनात किए 6000 पुलिसकर्मी

punjabkesari.in Tuesday, Aug 27, 2024 - 02:24 PM (IST)

नेशनल डेस्क: पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में "नबन्ना अभियान" को लेकर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर व्यापक इंतजाम किए गए हैं। यह अभियान पश्चिम बंगाल के छात्र समाज द्वारा शुरू किया गया है, जो कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग की है और इसको लेकर नबन्ना भवन को घेरने का ऐलान किया है।

सुरक्षा के कड़े इंतजाम
कोलकाता पुलिस ने इस अभियान के मद्देनजर सुरक्षा को लेकर बेहद कड़े इंतजाम किए हैं। शहर भर में 6000 से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है, जो विभिन्न महत्वपूर्ण स्थानों पर सुरक्षा बनाए रखने में जुटे हैं। नबन्ना भवन और इसके आसपास के इलाके को सुरक्षित रखने के लिए 19 जगहों पर बैरिकेड्स लगाए गए हैं। इसके अलावा, नबन्ना भवन के चारों ओर तीन लेयर का सुरक्षा घेरा बनाया गया है। प्रमुख अधिकारियों में मुख्य सचिव, गृह सचिव, और डीजीपी सुबह से ही नबन्ना भवन में मौजूद हैं। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भी नबन्ना भवन में पहुंचने की संभावना जताई जा रही है।

क्या है प्रदर्शन का उद्देश्य
प्रदर्शनकारी छात्र समाज ने इस विरोध प्रदर्शन के तीन मुख्य उद्देश्यों को सामने रखा है:
1. न्याय की मांग: वे चाहते हैं कि इस अभियान को न्याय मिले और दोषियों को कड़ी सजा दी जाए।
2. सजा की मांग: अपराधियों को मौत की सजा दी जाए।
3. मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस्तीफा दें।

जानिए राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
इस प्रदर्शन को लेकर राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ भी आ रही हैं। भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) ने इस विरोध प्रदर्शन का समर्थन किया है, इसे महत्वपूर्ण और सरकार को जवाबदेह ठहराने वाला मानते हुए उनकी मांगों को जायज ठहराया है। दूसरी ओर, वामपंथी दलों ने इस अभियान से खुद को अलग कर लिया है और इस प्रदर्शन में शामिल नहीं हुए हैं। उनका कहना है कि वे इस मुद्दे से दूरी बनाए रखेंगे और किसी भी तरह की राजनीतिक भागीदारी से बचेंगे।

क्या है नबन्ना भवन का ऐतिहासिक महत्व
"नबन्ना" नाम का अर्थ है "नया घर"। 2011 से पहले, बंगाल का सचिवालय रायटर्स बिल्डिंग में स्थित था। ममता बनर्जी के मुख्यमंत्री बनने के बाद, हावड़ा में हुगली नदी के किनारे एक नई बिल्डिंग को सचिवालय के रूप में स्थापित किया गया, जिसे "नबन्ना" नाम दिया गया। यह बिल्डिंग अब पश्चिम बंगाल सरकार के प्रशासनिक कार्यों का प्रमुख केंद्र है।

सुरक्षा व्यवस्था की दिखी कड़ी निगरानी
पुलिस ने दोनों पक्षों की गतिविधियों की गहन निगरानी की है और किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए तैयार है। प्रशासन ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लिया है और पुलिस अधीक्षक कुंवर अनुपम सिंह ने डिडौली पुलिस को उचित कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। स्थिति की निरंतर निगरानी की जा रही है, और प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच तनाव को कम करने के प्रयास किए जा रहे हैं। सुरक्षा व्यवस्था की कड़ी निगरानी के बीच, पुलिस और स्थानीय प्रशासन का लक्ष्य है कि कानून-व्यवस्था बनाए रखते हुए प्रदर्शनकारियों की आवाज को भी सुना जाए। इस अभियान और इसके परिणामों पर नजर रखी जा रही है, और प्रशासन किसी भी तरह की असामान्य स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है।


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Content Editor

Mahima

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