जानिए क्या होता है ग्लोबल आतंकी घोषित होने का मतलब?, मसूद पर पड़ेगा यह असर
Thursday, May 02, 2019 - 09:09 AM (IST)
नेशनल डेस्कः आतंकवाद के मुद्दे पर भारत की लंबी कूटनीतिक लड़ाई आखिरकार रंग लाई। संयुक्त राष्ट्र ने बुधवार को पुलवामा हमले का गुनहगार और जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित कर दिया है। बता दें कि मसूद अजहर ने भारत में कई हमलों को अंजाम दिया है, जिसमें 2001 में संसद में हुआ हमला, पठानकोट 2016, पठानकोट 2018, उरी और हाल ही में हुआ पुलवामा हमला। इन सबका मास्टरमाइंड मसूद अजहर ही था।
पुलवामा हमले के बाद भारत ने बड़े स्तर पर कूटनीतिक प्रयास किए, भारत ने फ्रांस, अमेरिका, ब्रिटेन, रूस समेत कई देशों को अपने साथ लिया, जिसके बाद पाकिस्तान आतंकवाद के मुद्दे पर अलग-थलग पड़ गया। हालांकि चीन ने अपने वीटो पावर का इस्तेमाल कर मसूद अजहर को बचाने में पाकिस्तान की अब तक मदद करता आया था। लेकिन पिछले सप्ताह चीन ने भी संकेत दिए थे कि वह भारत का साथ दे सकता है।
किसी भी व्यक्ति को वैश्विक आतंकी घोषित करने का फैसला यूएन सुरक्षा परिषद करती है। इसमें अमेरिका, चीन, फ्रांस, ब्रिटेन और रूस स्थाई सदस्य हैं और दस अस्थाई सदस्य होते हैं। किसी को वैश्विक आतंकी घोषित करने के लिए सभी स्थाई सदस्यों की सहमति जरूरी होती है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद समिति प्रस्ताव 1267, जिसे आइएसआइएल (दाएश) और अलकायदा अनुमोदन सूची भी कहा जाता है, में उस व्यक्ति का नाम दर्ज करना होता है।
क्या होगा असर
संपत्ति जब्त- ऐसे व्यक्ति की संपत्ति जिस देश में होगी उसी देश द्वारा तुरंत जब्त की जाएगी। साथ ही यह सुनिश्चित किया जाएगा कि वैश्विक आतंकी घोषित किए गए व्यक्ति को किसी तरह की वित्तीय मदद कहीं से न मिल रही हो।
यात्रा करने पर प्रतिबंध- सभी देश ऐसे व्यक्ति का अपनी सीमाओं में प्रवेश रोकेंगे। वो जिस देश में होगा वहां उसे किसी तरह की यात्रा नहीं करने दी जाएगी।
हथियारों का प्रतिबंध- सभी देश ऐसे व्यक्ति को किसी भी तरह के हथियार मुहैया करवाए जाने पर प्रतिबंध लगाएंगे। सभी हथियारों की आपूर्ति और खरीद-फरोख्त रोकी जाएगी. इसमें छोटे हथियारों से एयरक्राफ्ट तक शामिल हैं। हथियार बनाने में काम आने वाले सामान और तकनीकी सहायता देना भी प्रतिबंधित होता है।
क्या जरूरी है कि ऐसा होगा?
आदर्श परिस्थितियों के मुताबिक तो ऐसा होना जरूरी है लेकिन कई दफा ऐसा नहीं होता है। जैसे दाउद इब्राहिम और हाफिज सईद दोनों को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित किया हुआ है। फिर भी हाफिज सईद और दाउद इब्राहिम दोनों पाकिस्तान में हैं। दाउद इब्राहिम के कई बार विदेश जाने की भी खबरें आती रहती हैं। यह उस देश पर निर्भर करता है कि वह इन प्रतिबंधों को किस तरह मानता है।
मसूद पर पड़ेगा यह असर
दुनियाभर के देशों में मसूद के प्रवेश पर लगेगा प्रतिबंध। मसूद को किसी भी देश में आर्थिक गतिविधि करने की नहीं मिलेगी इजाजत। सभी देश मसूद के बैंक अकाऊंट्स और प्रॉपर्टी को कर सकेंगे फ्रीज। मसूद अजहर से संबंधित व्यक्तियों या उसकी संस्थाओं को कोई मदद नहीं मिलेगी।
10 साल में चीन ने 4 बार लगाई वीटो
अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने की प्रक्रिया को बाधित करने के लिए 10 साल में चीन ने 4 बार वीटो लगाई है।
- पहली 2009
- दूसरी 2016
- तीसरी 2017
- चौथी : 13 मार्च 2019
कंधार कांड में हुआ था रिहा
90 के दशक से ही मसूद अजहर जम्मू-कश्मीर में एक्टिव रहा है। 1994 में उसे श्रीनगर से गिरफ्तार किया गया था। मगर, कंधार कांड के बाद भारत सरकार को उसे रिहा करना पड़ा था। उसी के बाद से वह भारत के लिए चिंता का विषय बन गया।
भारत में इन हमलों में है मोस्ट वांटेड
- 2001 में संसद पर हमला
- 2016 में पठानकोट हमला
- 2018 में पठानकोट हमला
- 2019 में पुलवामा आतंकी हमला