ऑफ द रिकॉर्डः महाराष्ट्र में क्या पक रहा है?

Sunday, Oct 04, 2020 - 04:53 AM (IST)

नेशनल डेस्कः फडऩवीस-राउत के करीब 150 मिनट की मुलाकात के झटके दिल्ली को हिला रहे हैं। महाराष्ट्र में क्या पक रहा है, इसको लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। हालांकि, भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने यह कहते हुए मुलाकात पर चुप्पी बनाए रखी है कि महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडऩवीस को बिहार चुनाव की देखरेख करने का काम सौंपा गया है। सरोज पांडे और भूपेंद्र यादव को महासचिव पद से हटाने के बाद महाराष्ट्र का कोई महासचिव नहीं है। 

क्या महाराष्ट्र में फिर से भाजपा तैयारी कर रही है, वास्तव में नहीं? अगर भाजपा किसी भी जल्दबाजी में नहीं है और महसूस करती है कि वर्तमान में उद्धव ठाकरे सरकार अपने ही अंतर्विरोधों के कारण गिर जाएगी तो फिर पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडऩवीस के साथ शिवसेना के राज्यसभा सांसद और महासचिव संजय राउत की 150 मिनट की क्लोज-डोर बैठक क्यों? शिवसेना के मुखपत्र सामना के लिए फडऩवीस के साक्षात्कार के तौर-तरीकों पर चर्चा करने के सिद्धांत को कोई भी नहीं मान रहा है। 

वहीं बैठक को लेकर फडऩवीस के बयान का भी कोई समर्थक नहीं हैं, जहां उन्होंने कहा कि राजनीति पर चर्चा नहीं की गई। क्या उद्धव ठाकरे सरकार को गिराने के लिए मैदान तैयार है? मुख्यमंत्री के आलोचकों का आरोप है कि वह शायद ही पिछले 8 महीनों में मातोश्री से बाहर आए हैं और उनका राज्य की अर्थव्यवस्था को संभालना बेहद ही निराशाजनक रहा है। 

हालांकि, राकांपा प्रमुख शरद पवार महाराष्ट्र में सत्ता का फल भोग रहे हैं और उद्धव भी फसल काट रहे हैं। उनके संबंध कभी भी इतने अच्छे नहीं थे। क्या उन्होंने संजय राउत को एक गुप्त मिशन पर अपने दूत के रूप में भेजा था? ऐसा लगता नहीं है! वह ऐसा क्यों करेंगे? क्या राउत अके ले खेल रहे थे? राजनीतिकविशेषज्ञों का कहना है कि संजय राउत इन दिनों अपने खुद के गुरु हैं। वह और उद्धव इन दिनों एक साथ नहीं हैं। वह अपनी पसंद का कु छ भी काम करने में सक्षम हैं।

Pardeep

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