मोदी-ट्रंप की बातचीत पर ऐसा क्या बोले गए जयराम रमेश? अब मांग रहे माफी
punjabkesari.in Wednesday, Jun 18, 2025 - 04:20 PM (IST)

नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप की फोन पर हुई बातचीत को लेकर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने पुराने अमेरिकी बयान का हवाला देकर गलती की, जिस पर उन्हें माफ़ी मांगनी पड़ी। भाजपा ने उन्हें झूठा बताया। रमेश ने मोदी की 37 दिन की चुप्पी और पाकिस्तान को लेकर 'ट्रिपल कूटनीतिक झटके' का आरोप लगाया, जबकि भाजपा ने कांग्रेस पर विदेश नीति बदनाम करने का आरोप लगाया।
जयराम रमेश की चूक और माफ़ी
दरअसल, जयराम रमेश ने मोदी-ट्रंप बातचीत पर बयान देते हुए कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप का प्रेस नोट और हमारे विदेश सचिव का नोट 'ज़मीन-आसमान का फर्क' दिखा रहा है। अपनी बात के समर्थन में उन्होंने व्हाइट हाउस का एक 'पोस्ट' भी दिखाया। यहीं उनसे बड़ी गलती हुई। भाजपा के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने तुरंत पलटवार करते हुए कहा कि जयराम रमेश ने जनवरी 2025 के एक पुराने अमेरिकी रीडआउट का हवाला दिया है, जबकि अभी तक कोई नया आधिकारिक अमेरिकी बयान जारी नहीं हुआ है।
अपनी गलती का अहसास होने पर जयराम रमेश ने तुरंत माफ़ी मांगी। उन्होंने कहा, "मैं तो नॉन बायोलॉजिकल नहीं हूं। मुझसे एक गलती हुई, और मैंने उसको तुरंत सुधारा। कृपया मेरे इस वक्तव्य का संज्ञान लें।" यह घटना दर्शाती है कि संवेदनशील कूटनीतिक मामलों पर बयान देते समय कितनी सावधानी बरतनी चाहिए।
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I never claimed to be non-biological. An inadvertent error was made and immediately rectified. Here is my rectified statement.
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) June 18, 2025
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पाकिस्तानी फील्ड मार्शल असीम मुनीर को आज व्हाइट हाउस से अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ भोजन करने का निमंत्रण मिला है। असीम मुनीर ने जनरल रहते हुए आग लगाने वाली एक भड़काऊ बात कही थी, जिसका संबंध सीधा पहलगाम में हुए आतंकी हमले से था।
— Congress (@INCIndia) June 18, 2025
अब उसी असीम मुनीर को व्हाइट हाउस… pic.twitter.com/JwkUPNRZ2N
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"37 दिनों तक PM ने कुछ नहीं कहा"
जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री मोदी की चुप्पी पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि खुद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 14 बार यह दावा किया है कि उनकी मध्यस्थता की वजह से भारत-पाकिस्तान का युद्ध रुक गया था और उन्होंने दोनों देशों को 'ट्रेड' की बात कही थी। रमेश के अनुसार, ट्रंप के इस दावे पर प्रधानमंत्री मोदी ने 37 दिनों तक कुछ नहीं कहा। उन्होंने कनाडा में G7 शिखर सम्मेलन के दौरान राष्ट्रपति ट्रंप के साथ फोन पर बातचीत के बाद एक महीने से अधिक समय तक पीएम मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाया। रमेश ने कहा, "अब, 37 दिनों तक, प्रधान मंत्री ने कुछ नहीं कहा। अब, आज, हमें बताया गया है कि उन्होंने राष्ट्रपति ट्रंप के साथ 35 मिनट की बातचीत की थी।"
"भारत की कूटनीति को ट्रिपल झटका"
जयराम रमेश ने भारतीय कूटनीति को 'ट्रिपल झटका' लगने का भी दावा किया। उन्होंने तीन मुख्य बिंदु गिनाए-
पाकिस्तानी फील्ड मार्शल असीम मुनीर को व्हाइट हाउस से आमंत्रण: रमेश ने कहा कि पाकिस्तानी फील्ड मार्शल असीम मुनीर को आज व्हाइट हाउस से अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ भोजन करने का निमंत्रण मिला है। उन्होंने याद दिलाया कि असीम मुनीर ने जनरल रहते हुए एक भड़काऊ बात कही थी, जिसका संबंध सीधे पहलगाम में हुए आतंकी हमले से था। रमेश ने इसे हमारी कूटनीति और प्रधानमंत्री मोदी के लिए एक बहुत बड़ा झटका बताया।
US सेंट्रल कमांड के चीफ का 'अभूतपूर्व' बयान: रमेश ने कहा कि कुछ दिन पहले US सेंट्रल कमांड के चीफ माइकल कुरिल्ला ने पाकिस्तान के लिए 'अभूतपूर्व' शब्द का इस्तेमाल किया था, जबकि भारत हमेशा कहता है कि पाकिस्तान ही आतंकवाद के लिए जिम्मेदार है।
ट्रंप के मध्यस्थता दावे पर PM की चुप्पी: तीसरा झटका वही है, जहां राष्ट्रपति ट्रंप ने 14 बार दावा किया कि उनकी मध्यस्थता से भारत-पाकिस्तान का युद्ध रुका, लेकिन पीएम मोदी 37 दिनों तक इस पर चुप रहे।
सर्वदलीय बैठक की मांग
जयराम रमेश ने आगे कहा कि विदेश सचिव ने प्रधानमंत्री के जिस बयान की चर्चा की है, वही बात खुद पीएम मोदी को सर्वदलीय बैठक में कहनी चाहिए। उन्होंने कहा, "हम चाहते थे कि प्रधानमंत्री मोदी यही बात संसद के विशेष सत्र में कहें।" रमेश ने पीएम मोदी से भारत लौटने के बाद एक सर्वदलीय बैठक बुलाकर विपक्ष के नेताओं को ट्रंप से हुई बातचीत से अवगत कराने की मांग की। उन्होंने सवाल उठाया, "प्रधानमंत्री मोदी चर्चा से क्यों भाग रहे हैं?"
भाजपा का पलटवार
भाजपा ने जयराम रमेश के बयान को लेकर उन पर जमकर निशाना साधा। भाजपा के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने जयराम रमेश को झूठा करार देते हुए कहा कि रमेश ने जनवरी 2025 के एक पुराने अमेरिकी रीडआउट का हवाला दिया, जबकि कोई नया आधिकारिक अमेरिकी बयान मौजूद नहीं है।
मालवीय ने स्पष्ट किया कि पीएम मोदी ने ट्रंप से साफ कहा है कि भारत को तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की न तो जरूरत है और न ही वह इसे स्वीकार करता है। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान के अनुरोध पर डीजीएमओ के माध्यम से पाकिस्तान के साथ तनाव कम हुआ। मालवीय ने कांग्रेस पर भारत की विदेश नीति को बदनाम करने की कोशिश करने का आरोप लगाया और कहा, "आज, भारत एक उभरती हुई शक्ति है। कोई भी झूठ उस सच्चाई को कम नहीं कर सकता।"