बंगाल की हॉट सीट नंदीग्राम में ममता बनर्जी का रोड शो, BJP कार्यकर्ताओं ने लगाए 'जय श्री राम' के नारे

Tuesday, Mar 30, 2021 - 12:18 PM (IST)

नेशनल डेस्क:  पश्चिम बंगाल दूसरे दौरे के लिए चुनावी प्रचार आज समाप्त हो जाएगा। ऐसे में बंगाल चुनाव में हॉट सीट बन चुके नंदीग्राम की धरती पर आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और  मिथुन चक्रवती हुकार भरेंगे।  वहीं राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी इस सीट पर अपनी जीत दर्ज कराने के लिए पूरी ताकत झोंक रही हैं।  वह नंदीग्राम में रोड शो कर रही हैं। उनका काफीला अमित शाह के रोड शो वाले रास्ते से गुजरा तो बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने जय श्री राम के नारे लगाए। ममता ने ऐलान किया था कि वह अप्रैल तक नंदीग्राम में रहेंगी और वहां कम से कम 20 सभाओं को संबोधित करेंगी।

रोड शो करेंगे शाह
भाजपा के सूत्रों के अनुसार आज अमित शाह नंदीग्राम में सभा करेंगे, जबकि टॉलीवुड स्टार मिथुन चक्रवर्ती नंदीग्राम में रोड शो करेंगे। अमित शाह 12 बजे नंदीग्राम और उसके बाद डेबरा, पांशकुड़ा में रोड शो करेंगे और डायमंड हार्बर में सभा करेंगे। वहीं बनर्जी ने कहा कि वह नंदीग्राम में जीतने के बाद यह संदेश लेकर दिल्ली के सिंघू बॉर्डर जाएंगी कि इस सीट के लोगों ने किसान आंदोलन का समर्थन किया है। उन्होंने नंदीग्राम में मुख्यमंत्री कार्यालय स्थापित करने का भी वादा किया है।

ममता और शुभेंदु अधिकारी के पिता के बीच चली जुबानी जंग
वहीं इससे एक दिन पहले ममता बनर्जी और भाजपा प्रत्याशी शुभेंदु अधिकारी के पिता के बीच सोमवार को जमकर जुबानी जंग हुई थी।  अधिकारी और उनके पिता शिशिर अधिकारी पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री बनर्जी ने आरोप लगाया कि कृषि भूमि अधिग्रहण के खिलाफ ऐतिहासिक आंदोलन के दौरान 14 मार्च 2007 को पिता-पुत्र की जानकारी के बिना पुलिस नंदीग्राम में नहीं आ सकती थी। बनर्जी ने कहा कि पिता-पुत्र की जानकारी के बिना (2007 में) पुलिस नंदीग्राम में नहीं घुस सकती थी।


 बनर्जी ने शुभेंदु को बताया गद्दार
गौरतलब है कि शुभेंदु अधिकारी, उनके पिता शिशिर अधिकारी और उनके एक भाई सौमेंदु ने तृणमूल कांग्रेस छोड़ कर भाजपा का दामन थाम लिया है। बनर्जी उन्हें ‘गद्दार' बता रही हैं। उनके आरोपों पर शिशिर अधिकारी ने कहा कि वह निरर्थक बातें कर रही हैं, क्योंकि वह समझ गई हैं कि वह नंदीग्राम से हार रही हैं।  उन्होंने कहा कि बनर्जी ने शुभेंदु के कारण नंदीग्राम आंदोलन का लाभ उठाया, जिन्होंने माकपा के आतंक के खिलाफ लड़ाई में अपनी जान जोखिम में डाल दी थी।

 

vasudha

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