ठंड का दस्तक! इस हफ्ते बारिश के साथ लौटेगी ठंड, 7 जिलों में मौसम का बदलाव
punjabkesari.in Sunday, Feb 02, 2025 - 04:09 PM (IST)
नेशनल डेस्क: मध्यप्रदेश में वसंत ऋतु के मौसम का जो एहसास हो रहा था, वह जल्द ही खत्म होने वाला है। मौसम विभाग ने संकेत दिए हैं कि फरवरी के पहले सप्ताह में मध्यप्रदेश के कुछ जिलों में बारिश हो सकती है और साथ ही तापमान में भी गिरावट आ सकती है। यदि आप ठंड से राहत पाने के लिए तैयार थे, तो आपको एक बार फिर ठंड का सामना करना पड़ सकता है।
बादल छाने के साथ हल्की बारिश का अनुमान
मौसम विभाग के मुताबिक, इस सप्ताह मध्यप्रदेश के सात जिलों में बादल छाए रहेंगे और हल्की बारिश का भी अनुमान है। जिन जिलों में बारिश हो सकती है, उनमें रीवा, शहडोल, जबलपुर, सागर, ग्वालियर, चंबल और नर्मदापुरम शामिल हैं। हालांकि, राजधानी भोपाल और इंदौर, उज्जैन जैसे बड़े शहरों में मौसम साफ रहने का अनुमान है। वर्तमान में प्रदेश के तापमान में बढ़ोतरी हो रही है, जिससे वसंत ऋतु का आभास हो रहा है, लेकिन पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने के बाद अगले कुछ दिनों में मौसम में बदलाव आएगा।
पश्चिमी विक्षोभ के कारण मौसम में बदलाव
मौसम विभाग के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने के कारण मध्यप्रदेश के कई हिस्सों में दो से चार फरवरी तक बादल और बारिश का दौर रहेगा। इन दो-तीन दिनों में ठंडी हवाओं के कारण प्रदेश में तापमान में गिरावट आएगी और ठंड बढ़ेगी। जिन क्षेत्रों में बारिश होगी, वहां ठंड अधिक महसूस हो सकती है। शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, नीमच, मंदसौर, रतलाम, उज्जैन, शाजापुर, देवास और आगर मालवा में 2 फरवरी को बारिश की संभावना जताई गई है।
कभी ओले, कभी बारिश: मौसम में उतार-चढ़ाव
3 फरवरी के आसपास, कई जिलों में बारिश के साथ ओले गिरने की संभावना है। इस दौरान घना कोहरा भी छा सकता है। मौसम विभाग का कहना है कि इस समय कई शहरों का तापमान सात डिग्री से भी नीचे जा सकता है। इन बदलावों के कारण ठंड में वृद्धि होगी, जिससे लोगों को सर्दी का ज्यादा अहसास होगा।
फरवरी में सामान्य से ज्यादा गर्मी की संभावना
हालांकि, फरवरी के पूरे महीने में सामान्य से अधिक तापमान रहने की संभावना है। मौसम विभाग के अनुसार, इस महीने भारत के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से कम बारिश और अधिक तापमान रहने का अनुमान है। फरवरी में बारिश का स्तर 81 प्रतिशत कम रहने की आशंका है। जबकि, उत्तर-पश्चिम और प्रायद्वीपीय भारत के कुछ हिस्सों को छोड़कर अन्य क्षेत्रों में अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रह सकता है।