ड्रोन से कश्मीर में गिराए जा रहे थे हथियार, सेना ने समय रहते नाकाम की बड़ी आतंकी साजिश
punjabkesari.in Thursday, Jul 10, 2025 - 11:30 PM (IST)

नेशनल डेस्कः जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में भारतीय सेना और सुरक्षा एजेंसियों ने एक और बड़ी आतंकी साजिश को नाकाम कर दिया है। सीमा पार से ड्रोन के जरिए भारत में हथियारों और विस्फोटकों की तस्करी की कोशिश की गई थी, जिसे रोमियो फोर्स और पुंछ स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) ने एक संयुक्त तलाशी अभियान में विफल कर दिया।
कहां और कैसे हुआ खुलासा?
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यह बरामदगी पुंछ जिले के खानतर इलाके में हुई, जो एलओसी (लाइन ऑफ कंट्रोल) के नज़दीक है।
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ड्रोन के ज़रिए यह खेप भारत में गिराई गई थी।
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सुरक्षाबलों को पहले से ही इस क्षेत्र में ड्रोन गतिविधि पर शक था, इसलिए लगातार निगरानी रखी जा रही थी।
क्या-क्या मिला हथियारों की खेप में?
सुरक्षाबलों को मौके से मिले घातक हथियार और विस्फोटक:
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6 चीनी ग्रेनेड
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2 पाकिस्तान निर्मित पिस्तौल
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3 पिस्तौल मैगजीन
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1 अंडर बैरल ग्रेनेड लॉन्चर (UBGL)
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1 इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED)
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1 रिमोट कंट्रोल उपकरण
ये सभी सामान किसी बड़े आतंकी हमले की तैयारी की ओर इशारा करते हैं।
सेना की सतर्कता से बचा बड़ा खतरा
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रोमियो फोर्स और पुंछ SOG की मुस्तैदी और त्वरित कार्रवाई के चलते यह खेप न केवल जब्त की गई, बल्कि संभावित आतंकी हमला भी रोका गया।
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अगर IED, ग्रेनेड और पिस्तौल जैसे हथियार आतंकियों के हाथ लग जाते, तो यह सुरक्षा बलों या आम नागरिकों पर गंभीर हमले का कारण बन सकते थे।
ड्रोन बना आतंकियों का नया हथियार
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पिछले कुछ वर्षों में ड्रोन टेक्नोलॉजी आतंकवादी संगठनों का नया टूल बन गई है।
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यह तरीका बेहद चुपचाप और दूर से हथियार पहुंचाने के लिए इस्तेमाल होता है, जिससे पारंपरिक निगरानी तंत्र को चकमा देने की कोशिश की जाती है।
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ड्रोन का इस्तेमाल पंजाब, जम्मू, कठुआ और राजौरी जैसे अन्य सीमावर्ती क्षेत्रों में भी बढ़ा है।
अब और बढ़ेगी निगरानी व जांच
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इस घटना के बाद पूरे इलाके में तलाशी अभियान और चौकसी को बढ़ा दिया गया है।
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सेना अब उच्च तकनीक वाले राडार, एंटी-ड्रोन सिस्टम, नाइट विज़न उपकरण और AI आधारित मॉनिटरिंग सिस्टम की मदद से ड्रोन मूवमेंट पर नजर रख रही है।
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स्थानीय लोगों को भी आगाह किया गया है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि या वस्तु की सूचना तुरंत पुलिस या सेना को दें।
सरकार और खुफिया एजेंसियों की प्रतिक्रिया
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केंद्र और राज्य की सुरक्षा एजेंसियाँ इस बात की जांच कर रही हैं कि ड्रोन भेजने की योजना पाकिस्तान की किस आतंकी संगठन ने बनाई थी।
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प्रारंभिक आशंका है कि इसमें लश्कर-ए-तैयबा या जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी समूहों का हाथ हो सकता है।