आतंकी और परिवार वालों में फर्क करना होगा : महबूबा

Wednesday, Dec 14, 2016 - 06:45 PM (IST)

श्रीनगर : जम्मू कश्मीर में पीडीपी-भाजपा गंठबंधन में दरार अब साफ दिखने लगी है। आतंकी बुरहान मुजफ्फर वानी सुरक्षा बलों के साथ हुई मुठभेड़ में 13 अप्रैल 2015 को मारा गया था। पीडीपी अब इस परिवार को मुजफ्फरवाणी के मारे जाने का मुआवजा देने का मन बना रही है।


एक सभा में जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि हमें आतंकी और आतंकी के परिवार में फर्क करना होगा। सरकार ने वाणी के परिवार को मुआवजा देने की घोषणा की है, सरकार के इस फैसले को लेकर विरोध शुरू हो गया है।
सरकार में ही कई लोगों का कहना है कि आतंकी के मारे जाने के बाद मुआवजा देना बिल्कुल गलत है। यह सीधे तौर पर मुआवजा नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है।
इस फैसले से सेना के मनोबल में कमी आयेगी। इस फैसले को लेकर सरकार के अंदर से कोई खुलकर सामने नहीं आ रहा लेकिन अंदर से विरोध शुरू हो गये हैं। किसी भी आतंकवादी या चरमपंथी की मौत के एवज में मुआवजा नहीं दिया जाता। अगर सरकार इन लोगों के परिवार वालों को मुआवजा देती है तो इनके आतंकी होने पर भी सवाल खड़े होंगे।


सेना ने साफ किया है कि जिन लोगों की मौत पर मुआवजा देने की घोषणा की जा रही है वो हिजबुल के आतंकी थे, भाजपा और पीडीपी के बीच इस मामले को लेकर खींचतान शुरू हो गई है।
इससे पहले भी महबूबा मुफ्ती बागी तेवर अपना चुकी हैं। उन्होंने दिल्ली में हो रही एक कैबिनेट की बैठक से खुद को अलग कर लिया। महबूबा कैबिनेट के मंत्रियों के साथ मतभेद के कारण बैठक सीधे उठकर चली गई।


मुख्यमंत्री ने स्वीकार किया कि पिछले पांच महीने के दौरान कश्मीर में अशांति के दौरान लोगों पर अत्याधिक बल का प्रयोग किया गया। उन्होने कश्मीर में शांति बहाली के लिए पुलिस से सहयोग की मांग की।

 

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