प्रशासन की पाबंदी के कारण राजनीतिक दलों की बैठक नहीं हो पायी : नेशनल कॉन्फ्रेंस
punjabkesari.in Wednesday, Aug 05, 2020 - 04:30 PM (IST)
श्रीनगर : नेशनल कॉन्फ्रेंस ने कहा है कि अनुच्छेद ३७० के प्रावधानों को निष्प्रभावी किए जाने के बाद उत्पन्न् हालात पर चर्चा करने के लिए वरिष्ठ नेता फारूक अब्दुल्ला ने बुधवार को कुछ राजनीतिक दलों की बैठक बुलायी थी लेकिन प्रशासन द्वारा लागू सख्त पाबंदी के कारण यह आयोजित नहीं हो पायी। अब्दुल्ला ने विशेष दर्जा बहाली के लिए संयुक्त राजनीतिक रणनीति बनाने के वास्ते गुपकर रोड स्थित अपने आवास पर विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं को आमंत्रित किया था। नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेताओं ने बताया कि दक्षिण कश्मीर में अनंतनाग से नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसद हसनैन मसूदी और पीडीपी के राज्यसभा सदस्य फयाज मीर को जिले में कोविड-19 महामारी के कारण प्रशासन द्वारा लगायी गयी पाबंदी का हवाला देकर गुपकर रोड से लौटा दिया गया ।
उन्होंने बताया कि माकपा नेता एमवाई तारिगामी, उत्तरी कश्मीर में बारामूला से नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसद अकबर लोन और अब्दुल्ला के भतीजे तथा अवामी नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख मुजफ्फर शाह को उनके आवासों के पास रोक दिया गया और आगे नहीं जाने दिया गया। पूर्व मुख्यमंत्री और फारूक अब्दुल्ला के बेटे उमर अब्दुल्ला ने ट्विटर पर कहा कि कश्मीर में प्रशासन ने बैठक आयोजित करने की अनुमति नहीं दी । नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा कि उनके और उनके पिता के आवास की ओर जाने वाली गुपकर रोड को प्रशासन ने सील कर दिया है ।
BJP displaying its hypocrisy. They can gather & celebrate. The rest of us can’t even meet to discuss what’s happening in J&K. https://t.co/M3aj4glqax
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) August 5, 2020
उमर अब्दुल्ला ने सुनसान सड़क की दो तस्वीरें भी पोस्ट कीं । उन्होंने ट्वीट किया,"साल हो चुके हैं, यह आज का गुपकर रोड है। हमारे दरवाजे के ठीक सामने पुलिस के वाहन हैं। सड़क पर कुछ-कुछ दूरी पर कंटीले तार लगाए गए हैं और गाड़ियों को अनुमति नहीं है। मेरे पिता ने मौजूदा स्थिति पर चर्चा के लिए मुख्यधारा के दलों के नेताओं की बैठक बुलायी थी।" नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता ने कहा कि प्रशासन उन्हें बैठक करने या सामान्य राजनीतिक गतिविधियां आयोजित करने की अनुमति देने से भी डर रहा है। एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा,"वर्ष बाद भी प्रशासन हमें सामान्य राजनीतिक गतिविधियां आयोजित करने की अनुमति देने से डर रहा है । यह डर कश्मीर में जमीनी स्थिति को बयां करता है।"
One year on, this is Gupkar road today - police vehicles opposite our gates, concertina wire strung across the road at regular intervals & no vehicles allowed. My father had called a meeting of leaders of MAINSTREAM parties to deliberate on the current situation. pic.twitter.com/qn7FMqthlK
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) August 5, 2020
बहरहाल, पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने कहा कि चुप रहने के लिए मजबूर किया गया है लेकिन कश्मीर के लोगों की भावनाएं लंबे समय तक दबी नहीं रह पाएंगी ।" इल्तिजा ने अपनी मां के ट्विटर हैंडल पर ट्वीट किया,"साल पहले बहुसंख्यकवादी सरकार ने दिन-दहाड़े जम्मू कश्मीर को कुचल दिया और डाका डाला। मौसम भले बदल गया है, लेकिन विश्वासघात को कभी नहीं भुलाया जा सकेगा । चुप रहने को मजबूर किया गया है लेकिन इससे भावनाएं नहीं दबेंगी।"
पिछले साल अगस्त में महबूबा को हिरासत में रखे जाने के बाद से इल्तिजा ने उनका ट्विटर हैंडल संभाल रही हैं ।
Despite the stringent & unofficial curfew, a handful of PDP workers managed to stage a protest in Srinagar today.The number might seem insignificant but symbolises how tough it is for the people of J&K to peacefully protest. pic.twitter.com/Tb6vgm0el7
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) August 5, 2020