अगर आप भी बोतल बंद पानी पीते हैं तो हो जाएं सावधान!

Wednesday, Jan 23, 2019 - 12:48 PM (IST)

नई दिल्ली: अगर बोतलबंद पानी पीते समय सोचते हैं कि यह पूरी तरह साफ होगा तो आप शायद गलत हैं। आंकड़े बताते हैं कि पिछले साल बोतलबंद पानी के 44 फीसदी नमूने जांच में मानक के अनुरूप नहीं मिले। इसमें 50 फीसदी से ज्यादा मामलों में पानी का पी.एच. स्तर ही संतुलित नहीं था। ऐसा पानी पीना बीमारी का कारण भी बन सकता है। उपभोक्ता मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक बोतलबंद पानी के नमूनों में पी.एच. स्तर में गड़बड़ी, बैक्टीरिया और ब्रोमेट की मात्रा अधिक होने की शिकायतें सबसे ज्यादा सामने आई हैं। 

पी.एच. का अधिक स्तर है स्तर आंखों के लिए हानिकारक
गौरतलब है कि पी.एच. का अधिक स्तर आंखों के लिए हानिकारक है जबकि इसके कम होने से त्वचा खराब हो सकती है। वहीं बैक्टीरिया और ब्रोमेट से टायफाइड और पेट की बीमारियां हो सकती हैं। मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि फर्जी आई.एस.आई. मार्का इस्तेमाल होने की शिकायतें भी बढ़ी हैं। भारतीय मानक ब्यूरो ने पानी के लिए 40 से ज्यादा मानक बनाए हैं। इसमें खरे न उतरने पर कार्रवाई होती है। पिछले साल बोतलबंद पानी में गड़बड़ी मिलने पर 246 मामलों में कानूनी कार्रवाई की गई थी।

ये खामियां मिलीं

  • पी.एच. का स्तर मानक के अनुरूप नहीं था।
  • क्लोरीन, ब्रोमेट और हानिकारक खनिजों की मात्रा अधिक।
  • पानी को साफ किए बिना पैक किया गया।

Anil dev

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