सोशल मीडिया पर गलत कमेंट करने वाले सावधान!, हो सकती है 3 साल की सजा

Sunday, Oct 15, 2017 - 11:29 AM (IST)

नई दिल्लीः सोशल मीडिया ऐसा प्लेटफॉर्म बन गया है जहां लोग आजकल छोटी-छोटी बातों का इश्यू बनाकर दूसरों को ट्रल करने पर गुरेज नहीं करते। इतना ही नहीं कई लोग तो अपनी हद तक क्रॉस कर जाते हैं और गलत टिंप्पणियां करने से भी नहीं झिझकते। लेकिन अपनी सीमा से पार होने वाले लोगों पर जल्द ही सरकारी पहरा लगने जा रहा है। केंद्र सरकार सोशल मीडिया पर नकेल कसने की तैयारी में हैं।

अगर किसी व्यक्ति द्वारा किसी के द्वारा लिखे कमेंट या कंटेट से ठेस पहुंची या फिर अफवाह और दंगे आदि भड़काने का कोई आशंका सामने आई तो उसे तीन साल की सजा हो सकती है। इतना ही नहीं अगर कोई ऐसे कमेंट को आगे फॉरवर्ड भी करता है तो उस शख्स को भी यही सजा होगी। केंद्र सरकार इस तरह के विधान के लिए अलग से कानून बनाने की बजाए मौजूदा इंडियन पीनल कोड (IPC) और आईटी ऐक्ट 2000 की धारा में ही बदलाव करेगा। इस मुद्दे में कानून में किस तरह बदलाव हो, इसकी रिपोर्ट 10 विशेषज्ञों की कमिटी सरकार को सौंप चुकी है और सरकार इस प्रस्ताव से सहमत व इसे जल्द ही कैबिनेट में मंजूरी मिल सकती है।

जानिए क्या होगा बदलाव
ऑनलाइन अफवाह फैलाने वाले और किसी पर टिप्पणी भरा कमेंट करने वाले पर आईपीसी 153सी के तहत कार्रवाई होगी। इस धारा के तहत जाति, धर्म, भाषा, लिंग के आधार पर किसी को धमकी या गलत संदेश दिया जाता है तो 3 साल तक जेल हो सकती है। आईपीसी 505ए के तहत अगर किसी आधार पर हिंसा फैलाने वाला कॉमेंट करने या कंटेंट लिखने पर एक साल जेल या 5 हजार का आर्थिक दंड मिल सकता है।

आईजी होंगे साइबर पुलिस टीम के हेड
ऐसे मामलों पर कार्रवाई करने के लिए हर राज्य में आईजी स्तर का एक अधिकारी साइबर पुलिस टीम का हेड होगा जो साइबर सेल की मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी निभाएगा। वहीं सब इंस्पेक्टर स्तर का अधिकारी हर जिले में इस धारा के तहत कार्रवाई भी कर सकते हैं। आम जन यहां शिकायत कर सकेंगे। सोशल मीडिया पर लिखा गया कंटेंट कार्रवाई लायक है या नहीं, यह पुलिस और प्रशासन स्वयं तय करने में सक्षम होंगे।

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