कश्मीरियत और सांप्रदयिक सोहार्द की मिसाल बने मुस्लिम, मिलकर किया पंडित का अंतिम संस्कार

Friday, Oct 27, 2017 - 06:53 PM (IST)

 श्रीनगर: कश्मीर में मुस्लमानों ने एक बार फिर कश्मीरियत और सांप्रदयिक सोहार्द की मिसाल पेश की है। अनंतनाग के वनपोह गांव में मुस्लमानों ने मिलकर अपने पंडित भाई मास्टर त्रिलोकीनाथ का अंतिम संस्कार किया और उनके परिवार के साथ दुख की घड़ी में हिस्सेदार बने।पंडित त्रिलोकीनाथ वनपोह के जाने-माने शिक्षक थे। 1990 में जब आतंकवाद चर्म पर था और कश्मीरी पंडित घाटी छोडक़र पलायन कर रहे थे तो उस समय मास्टर त्रिलोकीनाथ ने अपने मुस्लिम भाईयों पर विश्वास दिखाते हुए कश्मीर छोडऩे से मना कर दिया और परिवार के साथ वनपोह में ही रहे। उनके अंतिम संस्कार में भारी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग शामिल हुए।

एमएलए होमशालीबग अब्दुल मजीद लारमी, पूर्व मंत्री अब्दुल्ल गफार सोफी, एसीआर अनंतनाग सईद शब्बीर, तहसीलदार सईद आबिद ने भी अंतिम संस्कार में भाग लिया। भाग लेने वालों ने कहा कि जो कश्मीर का माहौल खराब करना चाहते है, हम उनके लिए उदहारण रखना चाहते हैं कि कश्मीर में अभी भी प्यार मरा नहीं है। वनपोह गांव इसकी मिसाल है। पंडित त्रिलोकीनाथ अपने पीछे पत्नी शारीका देवी, दो बेटों और एक बेटी को छोड़ गए हैं।

 

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