जानिए कौन हैं देश के सबसे बड़े 2G घोटाले को सामने लाने वाले विनोद राय

punjabkesari.in Thursday, Dec 21, 2017 - 03:40 PM (IST)

नई दिल्लीः देश के सबसे बड़े घोटाले 2G स्पेक्ट्रम केस में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सी.बी.आई.) की पटियाला हाऊस स्थित विशेष अदालत ने आज पूर्व दूरसंचार मंत्री ए.राजा और द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) नेता कनिमोझी सहित सभी आरोपियों को बरी कर दिया है। इसके साथ ही 6 साल पुराने इस बड़े घोटाले में आरोपी बनाए गए सभी लोग बरी हो गए हैं। कोर्ट के इस फैसले से कांग्रेस में खुशी की लहर है। इस फैसले के आने के बाद एक बार फिर से पूर्व महालेखाकार और नियंत्रक (सीएजी) विनोद राय चर्चा में हैं।

2010 में उजागर हुआ घोटाला 
विनोद राय ही वो शख्स थे, जिन्होंने नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक के अध्यक्ष पद पर रहते हुए 2G घोटाले को उजागर किया था। दरअसल साल 2008 में तत्कालीन यूपीए सरकार के कार्यकाल में 2जी स्पेक्ट्रम का आवंटन किया गया। इस आवंटन पर 10 नवंबर 2010 को कैग ने सरकार को रिपोर्ट सौंपी जिसमें केंद्र सरकार के खजाने को 1.76 लाख करोड़ का नुकसान पहुंचने की बात कही गई। विनोद राय 2जी के साथ ही यूपीए सरकार के कोयला घोटाले के मामले को भी सामने लेकर आए थे।
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कपिल सिब्बल ने लगाए आरोप
आज फैसला आने के बाद कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने विनोद राय पर गंभीर आरोप लगाए हैं। सिब्बल का कहना है कि विनोद राय ने फर्जी रिपोर्ट के आधार पर 2जी केस को आगे बढ़ाया। सिब्बल ने कहा कि बीजेपी और सीएजी के चीफ रहे विनोद राय की वजह से टेलीकाम सेक्टर से लेकर देश की अर्थव्यवस्था को बहुत नुकसान हुआ है। बड़ी-बड़ी कंपनियां कर्ज में डूब गईं और बैंकों का एनपीए बढ़ गया। पीएम को अब इस मुद्दे पर बोलना बंद कर देना चाहिए। बीजेपी और विनोद राय को देश से मांफी मांगनी चाहिए, क्योंकि उन्होंने बदनाम किया है।

2016 में मिला पद्म भूषण अवॉर्ड
विनोद राय भारत के 11वें नियंत्रक व महालेखा परीक्षक (कैग) के अध्यक्ष पद पर रहे। उन्होंने जनवरी 2008 में इस पद को संभाला और मई 2013 तक इस पद पर रहे। फरवरी 2016 में विनोद राय को बैंक बोर्ड ब्यूरो का चेयरमैन बनाया गया। ये पब्लिक सेक्टर्स के बैंकों में उच्च स्तर पर नियुक्तियों को लेकर सरकार को अपनी सलाह देते हैं। विनोद राय को मार्च 2016 में पद्म भूषण अवॉर्ड से नवाजा गया।


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