पैसों के लिए यह Couple करता था शर्मनाक काम, ऐसे हुआ खुलासा

Monday, Feb 11, 2019 - 10:44 AM (IST)

नई दिल्ली(नवोदय टाइम्स): देशभर में लोगों को चूना लगाने वाले और एक दर्जन से अधिक मामलों में भगोड़े दंपति को कोटला मुबारकपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया है। दोनों पर 30 करोड़ से अधिक का ठगी करने का आरोप था। गिरफ्तार दंपति की पहचान विनोद बंसल (57) प्रीति बंसल (56 वर्ष) के रूप में हुई है। दोनों आरोपी सिरिस रोड, गुडग़ांव (हरियाणा) में रह रहे थे। इस दंपति पर दिल्ली, पंजाब और हरियाणा समेत एनसीटी की विभिन्न अदालतों द्वारा दो को करीब एक दर्जन मामले में अपराधी घोषित किया जा चुका है। इसके अलावा तीन मामले सीबीआई और एक मामला दिल्ली पुलिस की ईओडब्ल्यू के पास भी है। 

सीबीआई भी दर्ज किया मामला
साउथ दिल्ली के डीसीपी विजय कुमार ने बताया कि पुलिस घोषित बदमाशों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए जांच कर रही थी। इसी दौरान पता चला कि सीबीआई भी उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 120 बी समेत 467/468/471 समेत कई धाराओं के तहत विनोद बसंल के खिलाफ मामला दर्ज कर रखा है। उसके बाद आरोपियों को पकडऩे के लिए डिफेंस कॉलोनी एसीपी रणवीर सिंह के देखरेख व कोटला मुबारकपुर के एसएचओ अजय सिंह नेगी के नेतृत्व में इंस्पेक्टर रामफूल मीणा,एसआई दुर्गा दास,एएसआई जय प्रकाश और महिला कांस्टेबल हिमानी की टीम बनाई गई। आरोपी दंपति को पकडऩे के लिए उनके बारे में व ठिकाने के बारे में जानकारी जुटाई गई और दंपति पर सर्विलांस की मदद से निगरानी रखी जाने लगी। नौकर समेत कई लोगों से पूछताछ की गई। लेकिन दोनों भूमिगत हो गए थे। इसी बीच दस फरवरी को एक गुप्त सूचना के बाद दोनों आरोपी को गाजियाबाद (यूपी) के सूर्य विहार के इलाके से दबोच लिया गया। 

प्रॉपर्टी डीलर से बन गया महाठग
पूछताछ में पता चला कि आरोपी विनोद बंसल भटिंडा (पंजाब) में पैदा हुआ था। 1983 में वह दिल्ली आया और फरीदाबाद में प्रॉपर्टी डीलर का का धंधा शुरू किया। 1995 में उन्होंने करोल बाग इलाके में एक कार्यालय लिया मुरथल (हरियाणा) में एक कारखाना खरीदा। इस दौरान वह ठगी की वारदात को अंजाम देता रहा। 

2006 में सीबीआई कर चुकी है गिरफ्तार 
2006 में उसे हाउसिंग स्कैम के एक मामले में सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। जेल से रिहा होने के बाद उन्होंने लुधियाना में एक स्कूल खोला और नामी स्कूल जी डी गोयनका स्कूल, डॉन बॉस्को ग्लोबल स्कूल की फ्रेंचाइजी ले ली और निवेशकों को अपने स्कूल में निवेश करने के लिए प्रेरित किया लेकिन बाद में निवेशकों को धोखा दिया। इसके बाद वह दिल्ली वापस आया और ग्रीन पार्क इलाके में एक संपत्ति खरीदी और बैंक के साथ गिरवी रख दी। उसने कई निजी संस्थानों जैसे चोलमंडलम, इंटेक, कैपारो, पंजाब कश्मीर फाइनेंस से लॉर्ड बुद्धा सोसायटी के नाम पर कर्ज लिया और भुगतान नहीं किया। 2016 में उसकी पत्नी को भी धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार किया गया। अभी वह जमानत पर रिहा चल रही थी। 
 

Anil dev

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