पिता के शव को देख रोते बिलखते बेटी बोली- कोई तो मेरे पापा को बचा लो, भर आई हर किसी की आंख
Thursday, Jul 23, 2020 - 10:37 AM (IST)
गाजियाबाद(नवोदय टाइम्स): विक्रम जोशी की मौत के बाद पुलिस पोस्टमार्टम कराकर जैसे ही शव को उनके घर लेकर पहुंची वैसे ही परिवार में कोहराम मच गया। एंबुलेंस में शव रखा होने के बाद भी विक्रम की 4 साल की मासूम बिटिया वाणी रोते बिलखते हुए अपने पापा को बचाने की गुहार लगा रही थी। उसका कहना था कि कोई तो मेरे पापा को बचा लो। अपनों की गोद में लिपटी वाणी का रोना देख मौके पर मौजूद जमाने भर के लोगों की भी आंख भर आई। वहीं, घटना की चश्मदीद विक्रम की 8 साल की बड़ी बिटिया चाहत भी बिलख बिलख कर घटना को बयां कर रही थी। वह पिता का चेहरा देखने के लिए बैचेन थी। जैसे ही उसे पिता के अंतिम दर्शन कराए गए मानों उस पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। चाहत का कहना है कि वह दूर खड़ी बदमाशों से अपने पिता को बख्शने की भीख मांगती रही, लेकिन बदमाशों को उसपर भी दया नहीं आई। परिवार और आसपड़ोस की महिलाओं ने दोनों बच्चियों को बामुश्किल संभाला।
बच्चियों को भी दी थी गोली मारने की धमकी
घटना की चश्मदीद विक्रम की बेटी चाहत ने बताया कि बदमाशों ने उन्हें भी गोली मारने की धमकी दी थी। जिसके बाद डर के मारे वह और उसकी छोटी बहन वाणी भाग खड़े हुए थे। बदमाश उसके पिता को गले में पड़े गमछे से गला घोटकर मारना चाहते थे। लेकिन इसी बीच एक बदमाश ने उसके पापा को गोली मार दी और वे जमीन पर गिर पड़े। चाहत ने बताया कि बदमाश उसके पापा को और भी गोली मारने की बात कर रहे थे, लेकिन इसी बीच वाणी की सूचना पर उसकी बुआ का परिवार मौके पर आ पहुंचा था। जिसके बाद बदमाश भाग गए थे।
बेटे को गोली लगने से बेखबर थी मां
विक्रम की बुजुर्ग मां का कहना है कि वह बेटे को गोली लगने की खबर से बेखबर थी। सोमवार को विक्रम अपनी दोनों बेटियों के साथ बड़ी बहन पायल के घर भांजी का जन्मदिन मनाने गया था। विक्रम के घर न लौटने पर उन्हें लगा कि वह बहन के घर की रुक गया होगा। परिजनों ने उन्हें मंगलवार को सुबह 7 बजे विक्रम को गोली लगने की खबर बताई। जिसके बाद वह बेटे का हाल जानने अस्पताल पहुंची।