‘वंदे भारत'' ट्रेन बन गई है देश की गति एवं प्रगति की प्रतीक : मोदी

Friday, May 19, 2023 - 02:30 AM (IST)

नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘वंदे भारत' रेल गाड़ी को देश की गति और प्रगति का प्रतीक बताते हुए गुरुवार को कहा कि यह गाड़ी जब किसी स्टेशन से गुजरती है तब वहां इस गाड़ी में आधुनिक एवं प्रगतिशील भारत दिखाई देता है। मोदी ने पुरी-हावड़ा के बीच वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाने की अवसर पर आयोजित समारोह को वर्चुअल माध्यम से संबोधित करते हुए कहा कि इस गाड़ी के चलने से पुरी-कोलकाता के बीच की दूरी घटकर महज छह घंटे रह जाएगी। इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और कारोबार भी बढ़ेगा।

ओडिशा के लिए रेल की विकास कार्यों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘रेलवे ने पुरी और कटक रेलवे स्टेशनों के आधुनिकीकरण का शिलान्यास, रेल लाइनों के दोहरीकरण और राज्य में रेलवे लाइनो के शत-प्रतिशत विद्युतीकरण करने के लक्ष्य को हासिल किया है। भारतीय रेलवे सबको जोड़ती है, एक सूत्र में पिरोती है। वंदे भारत ट्रेन भी अपनी इसी परिपाटी पर चलते हुए आगे बढ़ेगी।''

उन्होंने कहा कि पुरी और हावड़ा के बीच आज से शुरु हुई वंदे भारत रेल गाड़ी बंगाल-ओडिशा और हावड़ा-पुरी के बीच के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक संबंधों को और मजबूत करेगी। उनका कहना था कि देश के अलग-अलग हिस्सों में ऐसी ही करीब 15 वंदे भारत ट्रेनें चल रही हैं। उन्होंने कहा कि वंदे भारत आधुनिक रेल गाड़ियां हैं जो देश की अर्थव्यवस्था को भी रफ्तार दे रही हैं। वंदे भारत ट्रेनों को भारत की भावना का प्रतिबिंब बताते हुए उन्होंने कहा कि अमृतकाल में वंदे भारत ट्रेनें देश के विकास का इंजन भी बन रही हैं और‘एक भारत,श्रेष्ठ भारत‘'की भावना को मज़बूत बना रही है।

उन्होंने कहा कि वंदे भारत ट्रेन के माध्यम से आधुनिक तकनीकी से होने वाले लाभ में ग्रामीण क्षेत्रों की हिस्सेदार बनाया जा रहा है। अत्याधुनिक तकनीकी से सुसज्जित वंदे भारत ट्रेन महानगरों से छोटे कस्बों और नगरों को जोड़ रही है। आधुनिक तकनीकी का लाभ देश में सभी लोगों तक समान रूप से पहुंचाया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि एक समय था जब देश में कोई नयी तकनीकी आती थी तो उसका लाभ सिफर् नगरों और महानगरों के लोगों को ही मिलता था लेकिन आज वंदे भारत ट्रेन के रूप में यह तकनीकी ग्रामीण क्षेत्र तक पहुंच चुकी है। वंदे भारत ट्रेनें अब उत्तर से लेकर दक्षिण तक, पूरब से लेकर पश्चिम तक, देश के हर किनारे को स्पर्श करती हैं।

Parveen Kumar

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