वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर कार्य करने वालों की मजदूरी न बढ़ाने पर मजदूर काफी परेशान

Tuesday, Nov 27, 2018 - 04:04 PM (IST)

कटड़ा(अमित): माता वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर मजदूरी करने वाले घोड़ा, पिट्ठू व पालकी चालकों की यात्रा के दौरान अहम भूमिका मानी जाती है, क्योंकि ये घोड़ा, पिट्ठू व पालकी चालक यात्रा पर आए श्रद्धालुओं को भवन तक पहुंचाने के लिए दिन-रात कार्य कर रहे हैं, परंतु प्रशासन द्वारा साल-दर-साल इन मजदूरों की मजदूरी न बढ़ाने के चलते ये मजदूर काफी परेशान हैं। शनिवार को ‘पंजाब केसरी’ से बात करते हुए इन मजदूरों ने कहा कि प्रशासन साल-दर-साल मजदूरों की मजदूरी बढ़ाए, क्योंकि उनको अपने परिवार के पालन-पोषण में काफी परेशानी हो रही है। 



जानकारी के अनुसार करीब 10,000 मजदूर जिला रियासी, राजौरी, ऊधमपुर सहित अन्य कई जिलों से आकर वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर मजदूरी कर रहे हैं। ये मजदूर वैष्णो देवी यात्रा को आए श्रद्धालुओं के सामान सहित बच्चों को घोड़े, पिट्ठू व पालकी के माध्यम से भवन तक ले जाकर अपनी रोजी-रोटी कमाते हैं। विभिन्न धर्मों के होने के बावजूद भी ये घोड़ा, पिट्ठू व पालकी चालक पूरी ईमानदारी व निष्ठा से अपने कार्य को अंजाम दे रहे हैं।



क्या कहते हैं स्थानीय लोग
इस संबंध में बात करते हुए स्थानीय निवासियों राज कुमार, अशोक कुमार, पुरुषोत्तम सिंह आदि ने कहा कि अगर प्रशासन द्वारा साल-दर-साल वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर कार्य करने वाले मजदूरों की मजदूरी को बढ़ाया जाता है तो समय-समय पर यात्रा मार्ग पर मजदूरों द्वारा आने वाली अधिक वसूली की शिकायतों पर भी कुछ हद तक अंकुश लग सकेगा। उन्होंने कहा कि हर विभाग द्वारा अपने-अपने कर्मियों के वेतन को हर साल बढ़ाया जाता है, परंतु वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर कार्य करने वाले मजदूरों के रेट 2012 से किसी ने नहीं बढ़ाए। लोगों ने कहा कि साल-दर-साल महंगाई दर बढ़ती जा रही है, ऐसे में उम्मीद की जाती है कि मजदूर 2012 के रेट पर ही कार्य कर अपना गुजारा करें, जोकि बिल्कुल संभव नहीं है।

यात्रा में कमी के चलते कई दिनों तक नहीं मिलती सवारी
वहीं घोड़ा व पिट्ठू चालक मोहम्मद अख्तर, रवि कुमार का कहना था कि निर्धारित रेट बहुत ही कम हैं, क्योंकि मौजूदा समय में महंगाई बहुत हो चुकी है। उन्होंने कहा कि यात्रा में कमी के चलते उन्हें कई दिनों तक सवारी भी नहीं मिलती है, जिसके कारण मिल रही मजदूरी पर कार्य करना बहुत ही मुश्किल है।

Anil dev

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