पाकिस्तान में पोलियो के हमले पर ''हमला''

Saturday, Apr 23, 2016 - 08:44 PM (IST)

अब तक सुना था कि तालिबान का रवैया महिलाओं के प्रति कुछ ज्यादा ही सख्त है, लेकिन कुछ दिन पूर्व पाकिस्तान के बंदरगाह शहर कराची में जो हमला किया गया उसका एक अजीब कारण सामने आया है। पोलियो टीकाकरण अभियान के दौरान हथियारंबद लोगों ने हमला करके सात पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी। यह हमला इस टीकाकरण अभियान को रोकने के लिए किया गया था। हमलावरों ने पोलियो कार्यकर्ताओं को बख्श दिया। यह नई बात है,क्योंकि इससे पहले तालिबान पोलियो कार्यकर्ताओं को अपना निशाना बनाता रहा है। वे यह नहीं जानते कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान ही दुनिया के दो देश हैं जहां पोलियो की महामारी अभी बाकी है। 

दुनिया की प्रमुख पोलियो दवा कंपनी सेनोफी पास्तुर आगाह कर चुकी है कि पाकिस्तान में पोलियो के बढ़ते मामले भारत जैसे देशों के लिए भी खतरा है। इस कंपनी ने पोलियो मुक्त देश के रूप में भारत की उपलब्धि की सराहना की थी। यदि पाकिस्तान का यही हाल रहा तो क्या 2018 तक दुनिया को पोलियो मुक्त बनाने का लक्ष्य पूरा हो पाएगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने दुनिया भर में पोलियो के करीब 80 फीसदी मामलों के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया है। उसकी रिपोर्ट के मुताबिक यह स्थिति बच्चों को शुरू में पोलियो का टीका नहीं लगाया जाना, उत्तरी और दक्षिणी वजीरिस्तान में चरमपंथियों द्वारा टीकाकरण प्रतिबंधित किया जाना और पोलियो टीकाकरण कर्मियों की हत्या और जानलेवा हमलों के डर का परिणाम है। 

पाकिस्तान के अखकार डॉन ने अपनी एक रिपोर्ट में माना था कि बच्चों को पोलियो का टीका लगने और टीका कर्मियों की सुरक्षा के मुद्दे को सुलझाना जरूरी है। तभी पोलियो टीकाकरण अभियान पूरा किया जा सकता। इस हमले से नहीं लगता कि कार्यकर्ता इस अभियान से जुड़ने के लिए आसानी से तैयार हो जाएंगे। अब यह पाक सरकार को व्यवस्था करनी है कि टीकाकरण अभियान भी चलता रहे और सुरक्षा के प्रबंध अत्यधिक कड़े रहें।  

तालिबान की सोच है कि पोलियो का टीका मुसलमानों के बंध्याकरण कर साजिश है। इसे लगाने से उनकी आबादी नहीं बढ़ पाएगी। यह टीका लगाकर मुसलमानों को समाप्त किया जाएगा। आतंकी यह नहीं जानते कि चिकित्सा विज्ञान के ​अनुसार पोलियो रोधी दवा से हमारे शरीर पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है। वैसे भी पाकिस्तान में तालिबानी कार्रवाई से पोलियो के मामलो में बढ़ोतरी हो रही है। वहां पोलियो बढ़ने का एक कारण और भी है। वह है धन का अभाव। यह अभियान बीच में इसलिए भी धीमा पड़ गया था कि एक बार स्वास्थ्य मंत्रालय अनुदान राशि का इंतजाम नहीं हो पाया था। कई बार इसके थमने की आशंकाएं पैदा हो चुकी हैं।

वर्ष 2013 में पाकिस्तान में पोलियो के 39 मामले दर्ज किए गए थे। वर्ष 2014 में  दर्ज किए गए 115 मामलों में से 84 लोग संघ प्रशासित कबायली इलाकों से और 10 सिंध से तथा एक पंजाब से और एक मामला बलूचिस्तिान प्रांत से दर्ज किए गए। धन की कमी और जान पर खेलकर कौन इस अभियान से जुड़ना चाहेगा। तालिबान ने अपनी सोच को नहीं बदला तो इसके घातक परिणाम सामने आ सकते हैं। अब तक यह सुना था कि तालिबानी कट्टरपंथी सोच में महिलाएं और लड़कियां हमेशा निशाने पर रहती थीं। वह महिला के चेहरे को भ्रष्टाचार का प्रतीक मानता है। उसका कहना है कि भ्रष्टाचार की शुरुआत यहीं से होती है। उसकी यही सोच महिलाओं की आजादी की सबसे बड़ी दुश्मन थी। यही कारण है कि तालिबान ने महिलाओं के लिए सख्त निर्देश जारी किए थे। अब बारी पुरुषों की आ गई है। कराची शहर में हुए हमले का जो कारण सामने आया है वह वाकई बड़ा अजीबो—गरीब है।

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