भूस्खलन से बाधित बदरीनाथ राजमार्ग 24 घंटे बाद खुला, महाराष्ट्र के179 तीर्थयात्री फंसे

Saturday, May 20, 2017 - 07:42 PM (IST)

देहरादून: उत्तराखंड के चमोली जिले में विष्णुप्रयाग के पास हाथी पहाड़ से हुए भूस्खलन के कारण कल से बाधित रिषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग 24 घंटे से भी ज्यादा समय के बाद आज  शाम फिर से यातायात के लिए खुल गया। चमोली जिले के जिलाधिकारी आशीष जोशी ने बताया कि पहाड़ से गिरे मलबे की सफाई काम युद्धस्तर पर रात-दिन चलाया गया और 24 घंटे बाद राजमार्ग एक बार फिर खोल दिया गया। 

कल दोपहर करीब तीन बजे अचानक हाथी पहाड़ की चोटी से चट्टानें खिसकने और बड़े-बड़े पत्थर नीचे खिसकने का सिलसिला शुरू हुआ था जिसने सड़क के 75 मीटर हिस्से को मलबे से पाट दिया था। मलबा आने के कारण राजमार्ग बाधित होने के बाद जिला प्रशासन ने दोनों तरफ मौजूद करीब डेढ़ हजार से दो हजार तीर्थयात्रियों को बदरीनाथ, विष्णुप्रयाग, गोविंदघाट सहित विभिन्न स्थानों पर रोक लिया था। मुयमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आपदा सचिव अमित नेगी को स्थिति की लगातार निगरानी करने के निर्देश दिए थे। 

महाराष्ट्र के 179 लोग फंसे
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आज राज्य विधानसभा में कहा कि उत्तराखंड में आए जबरदस्त भूस्खलन में महाराष्ट्र के 179 तीर्थयात्री विभिन्न स्थानों पर फंसे हुए हैं और वे सभी सुरक्षित हैं। फडणवीस ने कहा कि रेलवे ने उन्हें वापस महाराष्ट्र लाने के लिए प्रबंध किया है। अजीत पवार (राकांपा) ने कहा कि राज्य सरकार को फंसे हुये लोगों की मदद के लिए पर्याप्त व्यवस्था करनी चाहिए। उन्होंने बचाव कार्य में समन्वय के लिए एक आईएएस अधिकारी को तैनात करने की सलाह दी।  

राजमार्ग से अलकनंदा नदी तक का बड़ा इलाका मलबे से भरा
चमोली के जिलाधिकारी आशीष जोशी ने बताया कि शनिवार दोपहर तक राजमार्ग को यातायात के लिए खोल दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि बद्रीनाथ की यात्रा पर आए श्रद्धालुओं को कोई दिक्कत न हो, इसके लिए उन्हें जोशीमठ, पीपलकोटी, कर्णप्रयाग, गोविंदघाट और बद्रीनाथ में ही सुविधाजनक स्थानों पर ठहरने को कहा गया है। दोपहर बाद अचानक हाथीपहाड़ से चट्टान खिसकनी शुरू हो गयी जिससे राष्ट्रीय राजमार्ग से लेकर अलकनंदा नदी तक का बड़ा इलाका मलबे से भर गया।

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