मुख्यमंत्री तीरथ सिंह को भरोसा- मां गंगा के आशीर्वाद से कुंभ में नहीं फैलेगा कोरोना

punjabkesari.in Wednesday, Apr 14, 2021 - 01:33 PM (IST)

नेशनल डेस्क:  उत्तराखंड के मुख्यमंत्री  तीरथ  सिंह रावत का कहना है कि हरिद्वार में चल रहे कुंभ मेले की तुलना निजामुद्दीन मरकज के कार्यक्रम से नहीं की जानी चाहिए जो बंद जगह में हुआ था और उसमें देश के बाहर के लोगों ने भी शिरकत की थी । एक अंग्रेजी अखबार के साप्ताहिक ‘टॉक शो' में मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि कुंभ और मरकज के बीच कोई तुलना नहीं होनी चाहिए । इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मां गंगा के आशीर्वाद से कोरोना नहीं फैलेगा।

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हरिद्वार कुंभ और निजामुद्दीन मरकज के बीच कोई अंतर नहीं: सीएम
मुख्यमंत्री से सवाल किया गया था कि दो धार्मिक आयोजनों (निजामुददीन मरकज और कुंभ) को एक जैसा क्यों नहीं माना जा सकता क्योंकि कुंभ में भी भीड़ आ रही है जो कोरोना की दूसरी लहर को और तेज कर सकती है । हरिद्वार कुंभ और निजामुद्दीन मरकज के बीच अन्य अंतर बताते हुए रावत ने यह भी कहा कि कुंभ में आ रहे श्रद्धालु बाहर के नहीं बल्कि अपने ही हैं । इसके अलावा, उन्होंने कहा कि जब मरकज हुआ था तब कोरोना के बारे में कोई जागरूकता नहीं थी और नाहीं कोई दिशा-निर्देश थे। उन्होंने कहा कि यह भी किसी को नहीं पता कि मरकज में शामिल हुए लोग कितने समय उस बंद जगह में रहे जबकि अब कोविड-19 के बारे में ज्यादा जागरूकता है और उससे बचने के लिए दिशानिर्देश भी हैं ।

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 कुंभ बारह साल में एक बार आता है: तीरथ सिंह
तीरथ सिंह ने कहा कि कुंभ बारह साल में एक बार आता है और यह लाखों लोगों की आस्था तथा भावनाओं से जुड़ा हुआ है । कोविड-19 की चुनौतियों के बीच दिशा-निर्देशों के सख्त अनुपालन के साथ इसे सफलतापूर्वक आयोजित कराना हमारा लक्ष्य है । रावत ने कहा कि लोगों का स्वास्थ्य प्राथमिकता है लेकिन आस्था के मामलों को भी पूर्ण रूप से अनदेखा नहीं किया जा सकता । उन्होंने कहा कि हाल में निस्संदेह कोविड-19 के मामलों में वृद्धि हुई है लेकिन हम स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशानिर्देशों का पालन कर रहे हैं और स्वस्थ होने की दर भी अच्छी है ।

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कोविड-19 दिशानिर्देशों का हो रहा पालन: तीरथ सिंह
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी स्थिति का पालन करने के लिए पर्याप्त व्यवस्था है । उन्होंने बताया कि बड़े पैमाने पर मास्क और सेनेटाइजर की व्यवस्था की गई है और कोविड-19 दिशानिर्देशों के सख्त अनुपालन के लिए पूरी मशीनरी दिन रात लगी हुई है । उन्होंने कहा कि हरिद्वार में प्रवेश और मेले में आने से पहले सीमाओं पर लोगों की जांच की जा रही है और इस दौरान रैंडम जांच की जा रही है । बुधवार को हरिद्वार महाकुंभ का बैसाखी पर्व का तीसरा शाही स्नान है । इस बीच, उत्तराखंड में मंगलवार को कोविड-19 के मामलों में और उछाल आया और पूरे प्रदेश में 1925 नए मामले सामने आए । देहरादून में सर्वाधिक 775 नए कोविड मामले आए जबकि हरिद्वार में 594, नैनीताल में 217 और उधमसिंह नगर में 172 नए मरीज मिले । इसके अलावा पिछले 24 घंटों में महामारी से पीडित 13 मरीजों ने दम तोड़ दिया ।

 


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vasudha

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