यू.पी. के लिए उचित क्या, बेहतर कौन, ये समझना जरूरी: योगी आदित्यनाथ

punjabkesari.in Monday, Jan 31, 2022 - 10:55 AM (IST)

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा चुनाव में उठे मुद्दों पर पंजाब केसरी, नवोदय टाइम्स, जगबाणी और हिंद समाचार के निशीथ जोशी से खास बातचीत की।

  • लखीमपुर घटना की जांच जारी : लखीमपुर घटना की जांच जारी है, जो भी दोषी पाया जाएगा उसके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी। केवल आरोप के आधार इस्तीफे की मांग को जायज नहीं कहा जा सकता।
  • 'सरकार के कामकाज पर जनता के मन में मोहर लग चुकी है'
  • स्वयं को कृतज्ञ समझता हूं कि प्रकृति और परमात्मा की असीम अनुकम्पा से अभिसिंचित इस प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य करने का सुअवसर मुझे मिलाPunjabKesari

Q. विधानसभा सीटों के हिसाब से सबसे बड़े राज्य की सरकार भगवा वस्त्र धारी संन्यासी ने चलाई। कैसे अनुभव रहे?
A
. 25 करोड़ की जनसंख्या वाला उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है। नि:संदेह चुनौतियां भी बड़ी होंगी। मैं स्वयं को कृतज्ञ समझता हूं कि प्रकृति और परमात्मा की असीम अनुकम्पा से अभिसिंचित इस प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य करने का सुअवसर मुझे मिला। 5 में से तकरीबन दो वर्ष तो कोरोना काल में ही निकल गए। लेकिन 'आपदा में अवसर' के मंत्र को आत्मसात कर उत्तर प्रदेश ने आपदा में स्वयं को सिद्ध करने का अवसर देखा। अब प्रदेश का कोरोना प्रबंधन देश-दुनिया में सफल मॉडल के रूप में सराहा जा रहा है। मेरा पूरा प्रयास रहा है कि सभी 75 जिलों की 403 विधानसभा सीटों तक सीधी पहुंच हो। इसी प्रयास का परिणाम है कि जनता से सीधा फीडबैक मिलता रहता है। मुख्यमंत्री का पद बड़ी जिम्मेदारी है। 25 करोड़ जन आकांक्षाओं को पूरा करने की चुनौती है। प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार ने हर चुनौती, हर मुश्किल का डट कर सामना किया। बिना रुके, बिना थके, बिना डिगे अंत्योदय से राष्ट्रोदय का हमारा अभियान सतत जारी है।
 

Q. पिछले चुनाव में आप मुख्यमंत्री पद का चेहरा नहीं थे। इस बार आप ही भाजपा के मुख्य चेहरा हैं, क्या उम्मीदें हैं?
A.
2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा का जो विजय संकल्प रथ चला था, उसकी यात्रा अनवरत जारी है। जो परिणाम 2014, 2017 व 2019 में आया, 2022 उससे अलग नहीं होगा। चेहरे मत तलाशिये, नीति देखिए, नीयत समझिए। यू.पी. के लिए उचित क्या है, बेहतर कौन है, इसे जानना-समझना जरूरी है। केंद्र में मोदी के नेतृत्व और उनके मार्गदर्शन में प्रदेश सरकार के कामकाज पर जनता के मन में मोहर लग चुकी है। परिणाम की औपचारिक घोषणा 10 मार्च को हो जाएगी।

Q. विधानसभा चुनावों से ठीक पहले स्वामी प्रसाद मौर्य सहित कई मंत्रियों ने पार्टी छोड़ दी है। इससे पार्टी की जीत की संभावनाओं पर क्या फर्क पड़ेगा? उनका आरोप है कि  पिछड़े वर्ग की आपकी सरकार में उपेक्षा की गई। पांच साल तक मौर्य की कोई सुनवाई नहीं की गई। इसमें कितनी सच्चाई है?
A. भाजपा कार्यकर्ता आधारित दल है। इस पार्टी में सर्वोच्च प्राथमिकता सामान्य कार्यकर्ता को है। किसी नेता के जाने से कोई फर्क नहीं पड़ता है।  जो भी लोग पार्टी छोड़कर गए हैं दरअसल वो लोग हैं जो जनप्रिय भाजपा सरकार के लगातार सहयोग के बाद भी अपना कोई जनाधार बनाने में असफल रहे। जब ये पार्टी में थे तब कोई बात नहीं की। आप उनसे पूछिए कि तकरीबन पांच साल के कार्यकाल में कभी कुछ नहीं कहा तो अचानक चुनाव सर पर आते ही पार्टी छोड़कर क्यों चले गए।
 

Q. बीजेपी ने कई मौजूदा विधायकों के टिकट काट दिए, इसके पीछे क्या मुख्य कारण रहे?  बीजेपी से मंत्री और विधायकों के इस्तीफे क्यों हुए? क्या इससे भाजपा के वोट बैंक पर बड़ा असर पड़ेगा?

A. भारतीय जनता पार्टी विचारधारा के प्रति समर्पित एक कार्यकर्ता आधारित पार्टी है। यह एकमात्र  पार्टी है जहां सामान्य कार्यकर्ता भी कल को पार्टी अध्यक्ष जैसे सर्वोच्च पद पर पहुंच सकता है। रही बात टिकट वितरण की तो हमारे यहां केंद्रीय चुनाव समिति है, वह निर्णय लेती है। दल छोड़ कर जाने वालों की बात क्या की जाए। जब वैचारिक निष्ठा पर निज स्वार्थ हावी हो जाए तो कुछ भी संभव है। दिनकर जी ने लिखा ही है, 'जब नाश मनुज पर छाता है पहले विवेक मर जाता है। बाकी भाजपा तो कभी 2 सांसद की पार्टी भी रही है और आज चप्पा..चप्पा....भाजपा मय है। जो गए हैं जनता उनको ठीक से पहचानती है। वही जवाब भी देगी।

Q. सपा प्रमुख अखिलेश यादव और रालोद प्रमुख जयंत चौधरी के एक साथ मैदान में आने का क्या असर पड़ेगा? भाजपा का सीधा मुकाबला सपा से है, ऐसा ही लगता, आपका क्या मानना है और लड़ाई कैसी होगी?
A. इस प्रकार का बेमेल गठबंधन कोई पहली बार नहीं हुआ है। 2019 लोक सभा चुनाव में बुआ-बबुआ भी साथ आ चुके हैं और 2017 विधानसभा चुनाव में 'यूपी के लड़कों' को भी देखा जा चुका है। तब भी बड़ी-बड़ी बातें हुई थीं। तमाम सामाजिक समीकरणों के हवाले से अनेक दावे-आकलन किये गए थे। परिणाम क्या आया..शून्य। और..इस बार तो रालोद है। परिणाम आपको भी पता है।
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Q. विपक्ष के रैलियों पर और उसकी भीड़ पर आपकी चुनावी नजर रहती है क्या?
A. अव्वल तो चुनावी रैलियां इस बार हो नहीं रहीं। फिर भी अगर हाल की जनसभाओं का ही संदर्भ लें तो वाराणसी, सिद्धार्थ नगर, जेवर, गोरखपुर, सुल्तानपुर आदि की प्रधानमंत्री मोदी जी की जनसभाएं हों अथवा आजमगढ़, लखनऊ और हाल ही में पश्चिमी उत्तर प्रदेश में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जी की सभा हो या कोई अन्य कार्यक्रम। किसी एक का भी उदाहरण दें। हां, सपा की एक 'वर्चुअल रैली' जरूर हुई थी लखनऊ में। चुनाव आयोग ने संज्ञान लिया था। चेतावनी भी मिली थी। हमें विपक्ष की रैलियों में दिलचस्पी नहीं है क्योंकि हम जानते हैं कि यूपी की जनता जागरूक है। यहां मतदान मुद्दों पर होता है और मुद्दा है किसान, नौजवान का उत्थान, महिला सशक्तिकरण, स्वास्थ्य और शिक्षा, और कानून-व्यवस्था। इन सभी मानकों पर हमें जनता का आशीर्वाद मिलना तय है।  

Q. अखिलेश यादव कहते हैं उत्तर प्रदेश में योगी राज में गुंडाराज बढ़ गया है। आप क्या कहेंगे?
A. अखिलेश जी अभी 2012-17 के कालखंड में ही जी रहे हैं। अन्यथा ऐसी हास्यास्पद बात नहीं करते। पांच वर्ष पहले जबकि वह मुख्यमंत्री थे, तब और अब 2022 के उत्तर प्रदेश में बहुत कुछ बदल चुका है। कोसीकलां और जवाहर बाग कांड से उन्होंने प्रदेश को दंगों की आग में झोंकने का जो अभियान प्रारम्भ किया था, वह सहारनपुर के दंगों, मेरठ के कर्फ्यू, बुलंदशहर की हिंसा से होते-हुए मुजफ्फरनगर के साम्प्रदायिक दंगों तक पहुंचा था। और यह लोग अपने पूरे खानदान के साथ सैफई में सांस्कृतिक संध्या की मदहोशी में डूबे हुए थे। अब तो गुंडे, अपराधी, माफियाओं का गले में माफीनामा की तख्ती लगाए थानों में आना आम बात हो चली है। क्योंकि उसे पता है कि अब कुछ गड़बड़ी की तो उसके साथ-साथ आने वाली पीढ़ियां भी हर्जाना भरेंगी। यूपी ने कानून-व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण का एक सफल मॉडल दिया है। संगठित अपराध अब बीते दिनों की बात हो चली है। आज यहां बेटियां सुरक्षित हैं, महिलाओं का सम्मान है।

Q. आप लोगों ने सपा सरकार के किए हुए कामों का फीता काटा, अखिलेश यादव ने ये आरोप लगाए हैं, आप क्या कहेंगे?
A. हमारी सरकार के पांच साल के कार्यकाल में कई नई परियोजनाओं को शुरू किया गया और उनका उद्घाटन हुआ। इसके अलावा कई ऐसी परियोजनाओं को पूरा किया गया जिन्हे पिछले सरकारों के दौरान शोर-शराबे के बीच शुरू तो किया गया था लेकिन बिना पूरा किए छोड़ दिया गया था। इनमें सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना, गोरखपुर स्थित एम्स, कुशीनगर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, आदि प्रमुख हैं। यही नहीं, गोरखपुर स्थित खाद कारखाना तो कई दशकों से बंद पड़ा था और हमारी सरकार व केंद्र की पहल से इसे बड़े स्तर पर शुरू किया गया। जिन परियोजनाओं को हमने शुरू किया और उनका लोकार्पण किया उनकी सूची में पूर्वांचल एक्सप्रेस वे, काशी विश्वनाथ धाम, जिलों में मेडिकल कॉलेज आदि प्रमुख हैं। ऐसे में यह आरोप कि हमने किसी और के कामों का फीता काटा है, यह बिल्कुल निराधार है। पिछली सरकार ने कुछ किया ही नहीं तो उनका फीता क्या काटना?

Q. आपके अनुसार बसपा और कांग्रेस की क्या स्थिति रहेगी? प्रियंका गांधी 99 प्रतिशत बनाम 1 प्रतिशत का मुकाबला कह रही हैं। इसे आप किस तरह देखते हैं?
A. मेरा यह स्पष्ट मत है कि राजनीति में परसेप्शन का बहुत महत्व है। बसपा और कांग्रेस के अस्तित्व के बारे में जनता में क्या परसेप्शन है, यह जानना मुश्किल नहीं है। रही बात मुकाबले की तो यह चुनाव 80 बनाम 20 है। 80 प्रतिशत वे हैं जो हमारी तरह गरीब कल्याण, किसान, महिला सुरक्षा के बारे में सोचते हैं और 20 प्रतिशत वे हैं जो नकारात्मक सोच से विकास व सामाजिक सौहार्द में बाधक हैं।  

Q. किसान आंदोलन खत्म होने के बाद भी, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, खास तौर पर जाटों में भाजपा के प्रति नाराजगी है। आप क्या मानते हैं?  किसानों का बीजेपी को कितना समर्थन मिलेगा, क्या कानून वापस लेने से किसानों का मत बदला है?
A. किसान आंदोलन में उत्तर प्रदेश के किसानों का बहुत बड़ा प्रतिभाग नहीं था जैसा कि इससे स्पष्ट होता है कि मध्य और पूर्व उत्तर प्रदेश में कोई आंदोलन हुआ ही नहीं। जाट समुदाय में जो भी नाराजगी थी वह कुछ अन्य मुद्दों को लेकर हो सकती है लेकिन उनका भी निवारण किया गया है और वे संतुष्ट हैं। कृषि कानून को वापस लेने के बाद कोई नाराजगी रही भी होगी तो वह भी दूर हो चुकी है। जाट समुदाय पिछली सरकार के कार्यकाल में पश्चिमी जिलों में हुए दंगों और अपराध की घटनाओं को भूला नहीं है। इसके अलावा सपा रालोद गठबंधन ने टिकट वितरण में जो जाटों के ऊपर अन्य वर्गों को तरजीह दी है, उससे भी जाट समुदाय में अच्छा खासा रोष है।  हमारी सरकार ने इस क्षेत्र में कानून व्यवस्था की स्थिति को मजबूत किया है और सुरक्षा का माहौल स्थापित किया है। इससे उनमे हमारी सरकार के प्रति विश्वास बड़ा है।
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Q. लखीमपुर खीरी घटना के बाद केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के इस्तीफे की मांग लगातार की जाती रही है। विपक्ष इसे मुद्दा बना रहा है, क्या चुनावों में इससे कोई नुकसान हो सकता है? 
A. लखीमपुर की घटना की जांच जारी है। वहाँ जितने भी लोगों की जान गई वह दुखदायी है और सभी के प्रति हमारी संवेदनाएं हैं। जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा उसके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी। केवल आरोप के आधार किसी के इस्तीफे की मांग को जायज नहीं कहा जा सकता।

Q. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का कैराना में घर-घर दौरा करने के पीछे क्या सोच और इसका प्रभाव क्या है?
A. केन्द्रीय गृह मंत्री के अधिकार में प्रदेश और देश में आंतरिक सुरक्षा से जुड़े सभी मामले हैं और उनका पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कैराना  व अन्य स्थानों के लोगों से मिलना इस विश्वास को मजबूत करता है कि केंद्र व हमारी सरकार जनता की सुरक्षा और अपराध नियंत्रण के प्रति कृत-संकल्प है। उनके घर-घर जाने से लोगों मे भरोसा बड़ा है कि हमारे लिए उनकी सुरक्षा केवल एक वादा नहीं है बल्कि हमारा कर्तव्य है।

Q. चुनावों में जातिवाद बड़ा फैक्टर माना जाता है। अगर यादव, जाट और मुसलमान एक साथ आ जाते हैं तो क्या भाजपा की जीत की संभावनाओं पर इसका कोई असर नहीं होगा?
A. हमारी सरकार ने बिना किसी भेदभाव किए, सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास के सिद्धांत पर काम किया है। कोई भी जाति या समुदाय यह नहीं कह सकता कि किसी प्रकार का पक्षपात हुआ है। किसी भी वर्ग को कोई शिकायत नहीं है और सभी वर्ग व समुदाय को हमारी सरकार के काम और नीतियों से लाभ हुआ है। अगर सरकार ने गरीबों को आवास दिए हैं, मुफ्त बिजली कनैक्शन दिए हैं, गैस दी है अथवा विभिन्न पैंशन दी है, उसमें जाति देख कर नहीं दिया गया है। ऐसे में हमे पूरा विश्वास है कि हमारी जीत की संभावनाओं पर किसी प्रकार का अनिश्चय नहीं है।

Q. मुसलमानों का वोट किसे मिल रहा है, ओवैसी की पार्टी के नेता कहते हैं मुस्लिम मुख्यमंत्री होना चाहिए, इस पर आपका क्या मत है?  चुनाव जीतने के लिए भाजपा पर सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के आरोप लगाए जाते रहे हैं, विपक्ष के इन आरोपों पर आप क्या कहेंगे?
A. हर व्यक्ति जानता है कि ओवैसी समाजवादी पार्टी के एजैंट बनकर भावनाओं को भड़काने का कार्य कर रहे हैं. लेकिन उत्तर प्रदेश अब जिस दिशा में आगे बढ़ चुका है, वहां ओवैसी  जैसे नेताओं की कोई जरूरत नहीं है। अब दंगा नहीं दंगा मुक्त प्रदेश के रूप में उत्तर प्रदेश की पहचान है।

Q. बीजेपी उत्तर प्रदेश का ये चुनाव किन मुद्दों और आधार पर लड़ रही है? केंद्र में भाजपा सरकार होने का प्रभाव क्या रहेगा?  भाजपा का नारा क्या है?
A. सबका साथ सबका विकास हमारा उद्देश्य है। इस आधार को आगे बढ़ाते हुए 'सोच ईमानदार, काम दमदार' के नारे और पांच वर्षों में जनता के लिए किए गए कार्यों के जरिए पार्टी जनता से संवाद कर रही है।

Q. पहले राम मंदिर एक बड़ा मुद्दा होता था। अब मथुरा-काशी की बातें हो रही हैं। इस पर आप का क्या कहना है?
A. मथुरा, काशी और अयोध्या भारत में सनातन धर्म के अनुयायियों की आस्था के केंद्र हैं। इन आस्था के केंद्रों का सम्मान करना और यहां की आध्यात्मिक व सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करते हुए उसके आर्थिक उन्नयन के लिए प्रदेश सरकार पूरी तन्मयता से कार्य कर रही है।

Q. विपक्ष बेरोजगारी और महंगाई का मुद्दा भी उठा रहा है, आपका इस बारे में क्या कहना है?
A. यूपी के नौजवान समझदार और स्मार्ट हैं। वर्ष 2017 में जब हम सत्ता में आए थे तो बेरोजगारी दर 18 प्रतिशत से अधिक थी। अब यह 5 प्रतिशत से कम है। हमने 5 लाख नौजवानों को सरकारी नौकरी दी है। पूरी पारदर्शिता के साथ 1.61 करोड़ युवाओं को निजी क्षेत्र में निवेश के जरिए नौकरी के साथ रोजगार से जोड़ा है। 60 लाख युवाओं को स्वत: रोजगार से जोड़ा गया है। यह सभी कार्य भाजपा सरकार ने पूरी ईमानदारी व प्रतिबद्धता के साथ किए हैं। हम एक करोड़ युवाओं को स्मार्टफोन व टैबलेट दे रहे हैं। मुझे नहीं लगता कि विपक्ष इस तरह के मुद्दों के आधार पर कहीं कोई सफलता प्राप्त कर सकता है। युवा को पता है कि उनके हित के लिए कोई ईमानदारी से कार्य करेगा तो वह भाजपा की सरकार ही करेगी।  

Q. आपने इन 5 साल में क्या किया जिसे उपलब्धि माना जाए, ऐसे 10 काम बता सकेंगे। ऐसा क्या रह गया, जो इन 5 साल में न कर पाने को आपको मलाल है.
A. हमारी सरकार ने स्वास्थ्य और विकास के बुनियादी ढांचे के लिए जो कार्य किए वे अभूतपूर्व हैं। वर्ष 2017 तक केवल डेढ़ एक्सप्रेसवे थे। अब 7 एक्सप्रेस वे पर काम कर रहे हैं। यूपी में इस समय पांच शहरों में मैट्रो का संचालन हो रहा है। वर्ष 2017 के पहले केवल दो किमी. मैट्रो का संचालन गाजियाबाद में था। प्रदेश में इंटर स्टेट कनैक्टिविटी बेहतर करने व बिजली की निर्बाध आपूर्ति का काम हुआ है। राज्य में  43 लाख गरीबों  को मकान दिए गए हैं। 2.61 करोड़ गरीबों को शौचालय उपलब्ध कराए गए हैं। पांच वर्षों में तीन लाख करोड़ से अधिक का औद्योगिक निवेश हुआ है। प्रदेश सरकार एक करोड़ गरीबों को 1000-1000 रुपए वृद्धावस्था, महिला व दिव्यांग पैंशन दे रही है। 1.56 करोड़ किसानों को निशुल्क विद्युत कनैक्शन दिया गया है। महिलाओं को रसोई गैस के कनैक्शन दिए गए हैं। फ्री राशन लोगों को दिया जा रहा है। यूपी को नंबर वन की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए हम कार्य कर रहे हैं।

Q. आपने गुंडा मुक्त उत्तरप्रदेश का वादा किया था, क्योंकि एन.सी.आर.बी. की रिपोर्ट में अब भी यूपी टॉप 3 में है। क्राइम के मामले में रोमियो स्क्वाड का गठन पिछली बार मुख्यमंत्री बनते ही किया था, उसकी क्या स्थिति है। क्या उपलब्धि स्क्वाड के खाते में रही है?
A. हमने प्रदेश की महिलाओं के सुरक्षा, सम्मान और सशक्तिकरण के लिए मिशन शक्ति जैसा बड़ा जनजागरण अभियान चलाया है। आप एन.सी.आर.बी. की रिपोर्ट को देखें तो वर्ष 2016 के सापेक्ष वर्ष 2020 से तुलना करने पर डकैती के मामलों में 70.1, लूट में 69.3, हत्या में 29.1, बलवा में 33.0, रोड होल्ड अप में 100, फिरौती हेतु अपहरण में 41, दहेज मृत्यु में 11.6 और बलात्कार के मामलों में 52 प्रतिशत की कमी आई है। रहा सवाल एंटी रोमियो स्क्वायड के गठन का तो वो काफी कारगर रहा है। स्क्वायड ने 1.09 करोड़ से अधिक व्यक्तियों की चेकिंग कर 10876 अभियोग पंजीकृत कर 16 हजार 45 व्यक्तियों के विरुद्ध वैधानिक कार्रवाई व 45 लाख 89 हजार 288 व्यक्तियों को चेतावनी दी। इसका परिणाम बेटियां स्कूल, कॉलेज और विद्यालयों में निश्चिंत होकर पढ़ाई कर रही हैं, जो कभी डर कर घरों में घुट कर जीने को, पढ़ाई छोड़ने को मजबूर थीं। सभी 1535 थानों में महिला हैल्प डेस्क हैं जहां खुलकर अपनी बात रख सकती हैं। हमारी सरकार ने महिलाओं को पहले से ज्यादा जागरूक और निडर बनाया है जिससे वे खुलकर आवाज उठा सकें। अब सरकार और पुलिस महिलाओं को शिकायत दर्ज कराने में भी पूरी मदद कर रही है। हमने महिलाओं बेटियों के लिए ढेर सारे प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराए हैं जहां वो बिना किसी झिझक के अपनी समस्या रख सकती हैं। मार्च 2017 से अब तक वूमेन पावर लाइन 1090 पर मार्च 2017 से अब तक अलग अलग मामलों में दर्ज शिकायतों में से 99.7 प्रतिशत शिकायतों का निस्तारण किया जा चुका है।

Q. आर्थिक मोर्चे पर उत्तर प्रदेश की स्थिति क्या है? गरीबी के स्तर में सुधार कितना हो पाया ?
A. हमारा लक्ष्य उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को आने वाले पांच वर्षों में देश की नंबर वन अर्थव्यवस्था बनाना है। इंफ्रास्ट्रक्चर की बड़ी परियोजनाओं और पारदर्शी निवेश प्रणाली के दम पर अगले पांच साल में प्रदेश इस लक्ष्य को हासिल करके दिखाएगा। बीते पांच वर्षों में प्रदेश सरकार ने नागरिकों के हितों को ध्यान में रखकर हर क्षेत्र में विकास कार्य किया है। रोजगार की दृष्टि से निवेश की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए बुनियादी ढांचे समेत हर क्षेत्र में बदलाव को प्राथमिकता दी है। 2017 के पहले यूपी में निवेश के नाम पर बाहर के लोग प्रदेश का खूब मजाक उड़ाते थे। पिछले पांच सालों में यूपी इस नकारात्मक धारणा को तोड़ते हुए देश में दूसरे स्थान पर पहुंच चुका है। वर्ष 2018 में उत्तर प्रदेश इन्वेस्टर्स समिट में विभिन्न सैक्टरों में प्रदेश को 4.68 लाख करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। इनमें से 43 प्रतिशत से अधिक निवेश प्रस्तावों पर तेजी से काम जारी है। हमने प्रदेश के अंदर कानून का राज स्थापित किया है जिस कारण ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में देश में तेज छलांग लगाई है। वर्ष 2015-16 में उत्तर प्रदेश इस रैंकिंग में 14वें स्थान पर था, जो अब दूसरे स्थान पर आ गया है। प्रदेश में पांच वर्ष पूर्व जो बेरोजगारी की दर 18 प्रतिशत थी, वो अब घटकर चार प्रतिशत पर आ गई है।

Q. आप एक संन्यासी हैं, ऐसे में आप पर जातिवाद का आरोप लग रहे, क्या कहेंगे। आपकी पार्टी के विधायक और मंत्री ही ऐसे आरोप लगाकर दूसरे दलों में जा रहे हैं, इन 5 सालों में आप उन्हें नहीं समझा पाए या वे आपको नहीं समझ पाए, कमी कहां रह गई?
A. ऐसे असत्य आरोपों पर क्या कहा जा सकता है। जो इस प्रकार के आरोप लगा रहे हैं उन्हें केंद्र और प्रदेश सरकार के कामों का गहन अध्ययन करना चाहिए। प्रदेश सरकार प्रधानमंत्री जी के द्वारा दिए गए सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास के मूल मंत्र को लेकर काम कर रही है। हर गरीब को मुफ्त में वैक्सीन, इलाज, जांच, राशन, आवास, शौचालय, हर गरीब महिला को मुफ्त एल.पी.जी. गैस कनैक्शन, आयुष्मान योजना से पांच लाख तक स्वास्थ्य सुरक्षा कवर जैसी योजनाओं का लाभ दिया है। इन योजनाओं का लाभ किसी का चेहरा, जाति, मजहब या क्षेत्र देखकर नहीं दिया। केंद्र व प्रदेश सरकार अंत्योदय के लक्ष्य को लेकर हर गरीब, पिछड़े और वंचितों के जीवन में खुशहाली लाने के लिए प्रयासरत है। जो भी अपनी सुविधा की राजनीति के लिए ऐसे झूठे आरोप लगाते हैं वो खुद इस सरकार के पांच वर्षों तक अहम अंग रहे हैं। सरकार के नीति नियंता होने के बावजूद ऐसे तथ्यहीन आरोप उनकी खुद की विश्वसनीयता और समझ पर प्रश्नचिन्ह लगाते हैं। कमी हममें नहीं उनमें है तभी वो 24 करोड़ के लोगों को परिवार मानने वाले सबका साथ सबका विकास के मंत्र को त्याग कर परिवार का साथ और परिवार के विकास के मंत्र को मानने वालों के पास चले गए।

Q. यू.पी. में भाजपा की सोशल इंजीनियरिंग को आप कितना सफल मानते हैं। अगर हां तो फिर आपके कुछ साथी जो ओबीसी मतदाताओं में काफी दखल रखते थे पार्टी छोड़कर कैसे चले गए? और क्या इससे भाजपा को नुकसान होने वाला है?
A. देखिये मैं फिर कह रहा हूं कि भाजपा की केंद्र और प्रदेश की सरकार सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास मंत्र को लेकर चल रही है। इस मंत्र के आगे सोशल इंजीनियरिंग जैसे शब्द छोटे पड़ते हैं। पिछड़े, वंचित, गरीब, गांव, किसान, नौजवान, महिलाएं हर योजनाओं के केंद्रबिंदु में हैं। पंडित दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय संकल्प की पूर्ति ही हमारा लक्ष्य है। लोकतंत्र में सब कुछ जनता ही तय करती है। जनता ने हमारे विकास कार्यों को देखकर ही 2014, 2017 और 2019 में सारे जातिवादी, परिवारवादी मंसूबों को ध्वस्त कर बीजेपी को चुना। 2022 में पुन: जनता के समर्थन और आशीर्वाद से प्रचंड बहुमत से जीतेंगे। जो भी साथी गए वो अपने सुविधा की,परिवार की राजनीति के चलते गए, हमने उन्हें खूब मान सम्मान दिया। गरीबों के पैसों और जमीनों पर डकैती डालने वाले माफिया और दंगाइयों के साथ हाथ मिलाकर भाजपा का नहीं अपना नुकसान किया है।

Q. विकास और रोजगार प्रदेश में बड़ा मुद्दा होता है। आप का दावा है कि प्रदेश का विकास भी किया और युवाओं को रोजगार भी दिए। इसके बावजूद मतदाताओं को लुभाने के लिए आपको मथुरा और मोहम्मद अली जिन्ना जैसे शब्दों का इस्तेमाल क्यों करना पड़ रहा है?
A. हमने सदैव प्रदेश के विकास को प्राथमिकता दी है। धार्मिक पर्यटन का विकास भी जिसमें प्रमुख है। एक तरफ हम साढ़े चार लाख से अधिक लोगों को सरकारी नौकरी दे रहे हैं। एम.एस.एम.ई. इकाइयों के माध्यम से सवा तीन करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार दिया है। यह हम नहीं कहते हैं बल्कि थर्ड पार्टी सर्वे में सामने आया है। दूसरी ओर स्वरोजगार और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए काशी, प्रयाग, अयोध्या, नैमिषारण्य, विंध्याचल के साथ मथुरा को भी विकसित कर रहे हैं। यह प्राचीन सप्तपुरियों में से एक है। यह हमारे लिए गर्व का विषय है कि भगवान राम और कृष्ण की जन्मभूमि उत्तर प्रदेश में है। इनका नाम लेना या इनके विकास की बात करना कोई गलत बात नहीं। एक तरफ राष्ट्रनायक सरदार वल्लभभाई पटेल हैं और दूसरी तरफ खलनायक के रूप राष्ट्र तोड़ने वाले जिन्ना भी। कोई सरदार वल्लभ भाई की तुलना जिन्ना से करने लग जाए तो ये वोट बैंक की निकृष्ट राजनीति है। नायक सरदार वल्लभ पटेल के आगे खलनायक जिन्ना का समर्थन करके कुछ तालिबानी सोच वाले लोग देश की कीमत पर राजनीति कर रहे हैं। कोई भी सभ्य समाज इसका समर्थन करेगा। जनता के बीच में ऐसे षड्यंत्रों को उजागर करना ही चाहिए।

Q. आपने गोरखपुर को ही चुनाव क्षेत्र क्यों चुना? अयोध्या को क्यों नहीं ?
A. देखिये भाजपा कार्यकर्ताओं की पार्टी है। ये कोई मां-बेटे, पिता-पुत्र, या भाई-बहन की पार्टी नहीं है। मैं भी एक छोटा सा कार्यकर्ता हूं और शीर्ष नेतृत्व कोर कमेटी जो भी फैसला लेती है हम सबके लिए शिरोधार्य होता है। पार्टी ने तय किया गोरखपुर से लड़ना है, तो आदेश का पालन करना मेरा कर्तव्य है। गोरखपुर ने मुझे इतना दिया है कि जितना भी सेवा कर दूं कम ही है। आगे भी गोरखपुर की सेवा का पुन: अवसर पार्टी ने दिया है इसके लिए मैं शीर्ष नेतृत्व का आभारी हूं। रही बात अयोध्या की तो मैं क्या चुनूंगा? अयोध्या ने तो स्वयं हम सबको चुना है। प्रभु राम के आशीष से ही हम अयोध्या के विकास के लिए पूरे मनोयोग से काम कर रहे हैं। भव्य राम मंदिर का निर्माण और दिव्य दीपोत्सव आज पूरे विश्व को अयोध्या की ओर आकर्षित कर रहा है।


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News Editor

Ajesh K Dharwal

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