अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने का मतलब आत्महत्या के लिए उकसाना नहीं : मुंबई HC

Wednesday, Aug 03, 2022 - 09:55 PM (IST)

मुंबईः भाई की प्रेमिका को खुदकुशी करने के लिए उकसाने के आरोपी व्यक्ति को जमानत देते हुए मुंबई उच्च न्यायालय ने कहा कि अभद्र भाषा के इस्तेमाल से अपमान करना आत्महत्या के लिए उकसाने का अपराध नहीं है।

न्यायमूर्ति भारती डांगरे की एकल पीठ ने 28 जुलाई को पारित एक आदेश में कहा कि भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा- 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) के तहत अपराध करने के लिए स्पष्ट 'इरादा' होना चाहिए। अदालत के आदेश की प्रति बुधवार को उपलब्ध करवाई गई।

न्यायमूर्ति डांगरे ने आरोपी को 25 हज़ार रुपए के बांड पर जमानत दी। अभियोजन पक्ष का आरोप था कि तेजस परिहार नाम के व्यक्ति ने अपने भाई करण परिहार की प्रेमिका को उनके रिश्ते के बारे में जानने के बाद अपशब्द कहे और धमकी दी।

गौरतलब है कि 23 वर्षीय एक महिला ने जुलाई 2020 में आत्महत्या कर ली और सुसाइड नोट में करण परिहार को इस कदम के लिए दोषी ठहराया और तेजस परिहार का भी नाम दिया। सुसाइड नोट में महिला ने कहा कि तेजस परिहार ने उसे अपशब्द कहे और धमकी दी।

 

Pardeep

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