फ्रिज में डालकर मालिक को अगवा करने वाले नौकर ने किया चौंकाने वाला खुलासा

Wednesday, Sep 04, 2019 - 10:52 AM (IST)

नई दिल्ली: पिछले डेढ़ साल से काम करने के दौरान अम्मा ऊषा ने कभी नहीं डांटा। इसलिए उन्हें जिंदा छोड़ दिया। घर में भी पैसे की कमी नहीं थी। लेकिन मालिक कृष्ण खोसला हर बात पर डांट लगाते थे। कभी चाय अच्छा नहीं बना तो कभी खाना अच्छा नहीं बना। यही नहीं खाने में देर हो जाए तो भी डांट। पैसे का लालच और हर बात पर डांट से नाराज होकर नौकर किशन ने जुलाई महीने में ही अपने साथियों के साथ मिलकर हत्या की योजना बना डाली। बकायदा संगम विहार में एक कमरे का मकान लिया और मकान के अंदर बने आंगन में पांच फीट का पहले से कब्र खोद डाला और मौका मिलते ही अपने साथियों के साथ मिलकर पहले बुजुर्ग दंपति को नशीला पदार्थ मिलाकर चाय में पिलाया।

बेहोश होने के बाद कृष्ण खोसला को फ्रिज में डाला। फिर संगम विहार स्थित आंगन में खोदे गए जमीन के अंदर उन्हें दफना दिया। पुलिस को भी जब शव मिला वह बुरी तरह से सड़ व गल चुकी थी। हालांकि पुलिस अधिकारी का कहना है कि अभी उन्हें से लगातार पूछताछ चल रही है। प्राथमिक जांच में मामला लूटपाट का लग रहा है। पुलिस ने उसके अभी किसी भी तरह के बयान से इंकार किया है। पुलिस अधिकारी के मुताबिक मामला सामने आने के बाद आरोपियों को पकडऩे के लिए तुरंत आठ टीमें बनाई गई। दिल्ली के अलावा यूपी और अन्य जगहों पर भी छापेमारी की गई। आखिरकर मुख्य आरोपी नौकर किशन और उसके दो साथियों को यूपी के किशनगंज से गिरफ्तार किया। जबकि प्रदीप और एक अन्य साथी को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया। हत्या में प्रदीप का चैम्पियन टैंपो का इस्तेमाल किया गया था। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान किशन, दीपक यादव, प्रदीप शर्मा, सर्वेश और प्रभुदयाल के रूप में 
हुई है। 



नहीं कराया था नौकर का वेरिफिकेशन
पुलिस अधिकारी के मुताबिक अभी तक जांच में पता चला है कि पीड़ित परिवार ने नौकर किशन का पुलिस वेरिफिकेशन नहीं कराया था। डेढ़ साल पहले उसे घरेलू सहायक के रूप में रखा गया था। उसके खिलाफ हौजखास थाने में पहले से ही दो आपराधिक मामले दर्ज हैं। यही नहीं अन्य आरोपियों पर भी पहले से अपराधिक मामले दर्ज हैं। किशन का परिवार भी यही पर रहता है और उसका भाई इलाके का घोषित बदमाश बताया जा रहा है। 


आरोपी को नहीं है हत्या का पछतावा
पुलिस अधिकारी की मानें तो मुख्य आरोपी किशन को हत्या का कुछ पछतावा नहीं है। उसके चेहरे पर बिल्कुल इस बात को लेकर चिंता नहीं दिखाई पड़ी कि उसने हत्या की वारदात को अंजाम दिया। पुलिस को उसके बयान पर भी विश्वास नहीं हो रहा है। उसके बयान में हर बार विरोधाभास दिखाई पड़ रहा है। 


पति के साथ नौकर को भी तलाश रही थी ऊषा
घटना वाले दिन जब ऊषा खोसले देवी के पति कृष्ण और नौकर किशन गायब हुए और पुलिस उनके घर पहुंची तो ऊषा खोसला अपने पति के साथ साथ अपने नौकर किशन को भी खोज रही थी। वह पुलिस से बार बार पूछ रही थी कि किशन कहां हैं। वह सही तो है। लेकिन अंदाजा भी नहीं था कि उनका यह नौकर उनके ही पति की हत्या कर डाला है। 
 

बारिश के कारण गड्ढे का चला पता
पुलिस सूत्रों की मानें तो जब पुलिस टीम आरोपियों को पकडऩे के लिए संगम विहार गई, जहां पर शव को दफनाया गया था। उससे पहले ही बारिश हुई थी। बारिश के कारण गड्ढे का का पता चल गया, जब पुलिस ने गड्ढे को खुदवाया तो वहां पर बुजुर्ग का शव सड़ी गली हालत में मिली। हालांकि पुलिस ने इस बात की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। अभी पूछताछ में यह पता चला है कि हत्या की योजना जुलाई में बनाई गई थी, इसलिए बकायदा एक कमरे वाला मकान किराया पर लिया गया था। उस वक्त ही वहां पर पांच फीट गहरा गड्ढा खोदा गया था कि हत्या के बाद शव को दफनाने में कोई परेशानी न हो और किसी को पता भी नहीं चल सके। 
 

प्रदीप के चैम्पियन टैंपो का हुआ था इस्तेमाल
इलाके में ही रहने वाले प्रदीप के ही ब्रिजपाल ने बताया कि प्रदीप चैम्पियन गाड़ी का मालिक है। वह सब्जी मंडी में सब्जी पहुंचाने का काम करता है। घटना वाले दिन शाम चार बजे चार आरोपी प्रदीप के पास उसकी चैम्पियन टैंपो लेने आए थे। लेकिन उस वक्त प्रदीप ने गाड़ी देने से मना कर दिया था। फिर दोबारा रात आठ बजे चारों आरोपी आये और प्रदीप से उसकी गाड़ी लेकर गये। फिर उसी गाड़ी में फ्रीज में बुुजुर्ग का शव डालकर संगम विहार ले गये और मिट्टी के अंदर शव को दफना दिया गया। 
 

लोगों ने निकाला कैंडल मार्च
बुजुर्ग किशन खोसले की हत्या के बाद ग्रेटर कैलाश पार्ट में रहने वाले लोगों ने कैंडल मार्च निकाला। इस दौरान उनका कहना था कि दिल्ली पुलिस भले ही बुजुर्गों की सुरक्षा की बात कहती तो लेकिन आये दिन किसी ने किसी इलाके में इलाके में बुजर्गों के साथ लूटपाट व हत्या जैसी घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है। 

Anil dev

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