पहली दफा चुनावों में होने जा रहा VVPAT का इस्तेमाल, जानें किस तरह काम करेगी मशीन

Thursday, Oct 12, 2017 - 10:30 PM (IST)

नई दिल्लीः चुनाव आयोग ने हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। इस दौरान आयोग ने एक बड़ी घोषणा भी की, जिसके तहत इस चुनाव में पहली बार पोलिंग बूथ पर VVPAT का इस्तेमाल किया जाएगा। इससे पहले विपक्षी दलों के EVM में छेड़छाड़ के आरोपों के बीच VVPAT का खूब नाम गूंजा था। क्या है ये VVPAT मशीन। इसका चुनावों और ईवीएम से क्या कनेक्शन है। साथ ही इसका किस तरह होता है इस्तेमाल?
वोटर वेरीफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल मशीन
VVPAT का पूरा नाम वोटर वेरीफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल है। ये एक तरह की मशीन होती है, जिसे ईवीएम के साथ जोड़ा जाता है। इसका फायदा यह होता है कि जब कोई भी शख्स EVM का इस्तेमाल करके अपना वोट देता है तो इस मशीन में वह उस प्रत्याशी का नाम भी देख सकता है, जिसे उसने वोट दिया है। एेसे में उसे इस बात की तसल्ली हो जाएगी कि उसने जिस उम्मीदार के लिए बटन दबाया है। उसका वोट उसी को गया है। 
EVM में गड़बड़ी की आशंकाएं करेगी खत्म
उत्तर प्रदेश में हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा की जीत के बाद विरोधी पार्टियों ने EVM में गड़बड़ी होने की बात कही थी। यह भी मांग की गई थी कि आगामी चुनावों में VVPAT का इस्तेमाल किया जाए। VVPAT मशीन के तहत वोटर विजुअली सात सेकेंड तक यह देख सकेगा कि उसने जो वोट किया है क्या वह मत उसके इच्छानुसार उसके प्रत्याशी को मिला है या नहीं। इस मशीन के जरिए मतदाता को प्रत्याशी का चुनाव चिन्ह और नाम उसकी ओर से चुनी गई भाषा में दिखाई देगा।
विवाद की स्थिति में तुरंत उपलब्ध कराएगी जानकारी
 VVPAT मशीन को ईवीएम के साथ जोड़ा जाता है इससे मतदाता की जानकारी को प्रिंट करके मशीन में स्टोर कर लिया जाता है और विवाद की स्थिति में जानकारी को उपलब्ध कराके समस्या को निपटा लिया जाता है। मुख्य चुनाव आयुक्त अचल कुमार ज्योति के मुताबिक, VVPAT से वोटरों को जानकारी के लिए एक पर्ची मिलेगी, जिससे उन्हें पता चलेगा कि उन्होंने किसे वोट किया है।  

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