कोरोना से विकराल हुए भारत के हालात, अब अमेरिका ने बढ़ाया मदद का हाथ

Sunday, Apr 25, 2021 - 10:43 AM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः  कोरोना वायरस की दूसरी लहर के कारण भारत के हालात लगातार विकराल होते जा रहे हैं।  भारत में पिछले कई दिनों से एक दिन में 3 लाख से ज्यादा मामले दर्ज किए जा रहे हैं। इन हालात से निपटने के लिए  भारत जी तोड़ कोशिश कर रहा है। ऐसी स्थिति में  दुनिया के कई देशों का समर्थन भी भारत को  मिल रहा है। फ्रांस के बाद अब अमेरिका ने भारत को हरसंभव मदद देने की बात कही है। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा,' महामारी द्वारा पैदा हुई विकराल स्थिति में अमेरिका भारत के साथ खड़ा हैं। हम भारतीय सरकार के साथ मिल कर कार्य कर रहे हैं और भारत के हेल्थ वर्कर को अतिरिक्त सहायता प्रदान करेंगे'। बता दें कि दुनिया में अमेरिका सबसे ज्यादा संक्रमित देश है। इसके बाद भारत का नंबर आता है।

अमेरिकी अधिकारियों ने कहा है कि भारत में कोविड-19 के मौजूदा संकट से निपटने के तरीकों की पहचान करने के लिए अमेरिका उसके साथ मिलकर काम कर रहा है।  बाइडन प्रशासन पर एस्ट्राजेनेका टीका और कई जीवनरक्षक चिकित्सीय आपूर्तियों के साथ अन्य कोविड-19 टीकों को भारत भेजे जाने को लेकर कई वर्गों की तरफ से खासा दबाव बनाया जा रहा है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने शुक्रवार को कहा कि अमेरिका इस वैश्विक महामारी से जूझ रहे भारत के लोगों के प्रति गहरी सहानुभूति रखता है। साकी ने कहा, “हम संकट से निपटने के तरीकों की पहचान के लिए भारतीय अधिकारियों के साथ राजनीतिक एवं विशेषज्ञ दोनों स्तर पर करीब से काम कर रहे हैं।”

उन्होंने कहा कि अमेरिका ने क्वाड समूह के अपने साझेदारों के साथ टीका सहयोग को बड़ी प्राथमिकता बनाया है। साकी ने एक सवाल के जवाब में कहा, “भारत भविष्य में टीका उत्पादन एवं वितरण पर चर्चा के लिए निश्चित तौर पर हमारे क्वाड साझेदारों में से एक है। हमने कोवैक्स के लिए भी अरबों डॉलर दिए हैं।” क्वाड भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया का समूह है। साकी ने कहा, ‘‘वैश्विक महामारी के शुरुआती चरणों से, हमने भारत को आपात राहत आपूर्तियां, चिकित्सीय सामग्रियां, राष्ट्रीय एवं स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों के लिए महामारी संबंधी प्रशिक्षण और वेंटिलेटर मुहैया कराए हैं जो हमारे प्रयासों का हिस्सा रहा है जिसमें भारत को भविष्य में वैश्विक महामारी के लिए तैयार रहने और मौजूदा समस्या से निपटने के लिए 1.4 अरब डॉलर की स्वास्थ्य सहायता शामिल है।” उन्होंने कहा कि इस संबंध में चर्चा जारी है।

बता दें कि भारत में कोरोना से लगातार हालात बिगड़ रहे हैं और देश का  स्वास्थ्य तंत्र इस पर काबू पाने में नाकाम साबित हो रहा है। अस्पतालों में बेड, दवाओं, इंजेक्शन, ऑक्सीजन की कमी से बड़ी तादाद में लोगों की मौत की खबरे भी आ रही है। ऐसे में अब दुनिया के दूसरे देश भारत को मदद देने और एकजुटता जताने के लिए हाथ आगे बढ़ा रहे हैं। अमेरिका से पहले  ब्रिटेन, पाकिस्तान, फ्रांस,ऑस्ट्रेलिया और जर्मनी देश भारत के संकट में सहयोग देने की बात कह चुके हैं।

Tanuja

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