US की सबसे बड़ी वॉरशिप निमित्ज करेगी विक्रमादित्य संग गोवा तट पर युद्धाभ्यास, थर्रा जाएगा चीन
Saturday, Nov 07, 2020 - 01:13 PM (IST)
इंटरनेशनल डेस्कः दुनिया पर कब्जे की नीयत रखने वाले देश चीन की दक्षिण चीन सागर में मुसीबतें अब बढ़ सकती हैं। गोवा के तट पर 17 से 20 नवंबर तक मालाबार वॉर गेम्स में भारतीय नौसेना के जहाज विक्रमादित्य और अमेरिकी सुपरकार्पर निमित्ज़ ऑस्ट्रेलियाई और जापानी नौसेना के साथ पूर्ण-स्पेक्ट्रम अभ्यास करेंगे। इस अभ्यास में दो वाहक समूह विक्रमादित्य मिग -29 K फाइटर और बोर्ड निमित्ज़ F-18 फाइटर के साथ युद्ध के खेल में भाग लेंगे। इसके अलावा दो अन्य ऑस्ट्रेलिया और जापान, जो भारत और अमेरिका की तरह हैं क्वाड के सदस्य हैं इस खेल का हिस्सा बनेंगे और डोमेन बहु-संचालन क्षमता को मजबूत करेंगे।
इस युद्धाभ्यास के जरिए चारों देशों को एक-दूसरे की नौसेनाओं, कमांडरों और कर्मियों के प्रशिक्षण के लोकाचार और स्तर को समझने में मदद मिलेगी। यह अभ्यास फारस की खाड़ी और अरब सागर के बीच के क्षेत्र में गश्त करने वाले कम से कम 70 विदेशी युद्धपोतों के साथ काफी भीड़भाड़ वाले माहौल में होगा। शीर्ष नौसैनिक कमांडरों के अनुसार, भारतीय नौसेना पूरी तरह से पूर्वी और पश्चिमी समुद्र तट पर तैनात है और यदि पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में स्थिति बदतर हो जाती है तो आकस्मिक स्थिति के लिए तैयार रखा जाता है। विश्लेषकों का कहना है कि यह स्पष्ट है कि क्वाड सदस्य नेविगेशन के लिए संचार की समुद्री गलियों को खुला रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं और दक्षिण चीन सागर में बाधाओं को लागू करके पीएलए नौसेना द्वारा लाई गई चुनौती को पूरा करने के लिए तैयार हैं।
विश्लेषकों ने कहा कि भारतीय नौसेना ने अपने दूसरे परमाणु संचालित बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बी, आईएनएस अरिघाट के साथ स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत को चालू करने की उम्मीद की है। भारत अगले साल मलक्का जलडमरूमध्य से लेकर अदन की खाड़ी तक और इससे आगे तक शक्ति परीक्षण कर सकेगा। विश्लेषकों के अनुसार नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह के नेतृत्व में बल का ध्यान अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में तेजी से विकसित हो रहे सैन्य बुनियादी ढाँचे पर भी रहा है ताकि भारत मलक्का जलडमरूमध्य से आगे अच्छी तरह से बिजली का उत्पादन कर सके।