अमेरिका के सैन्य तैनाती बढ़ाने के फैसले से टेंशन में चीन, भारत को लेकर ड्रैगन ने बदले सुर

Saturday, Jun 27, 2020 - 04:22 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः भारत-चीन सीमा विवाद के बीच अमेरिका बार-बार चीन को चेतावनी देता आ रहा है कि कि वह पड़ोसी देशों को उकसाने की कार्रवाई से बाज आए। लेकिन चीन की हिंसक झड़प ने दोनों देशो के बीच तनाव और बढ़ा दिया है। इस बीच अमेरिका ने एक बार फिर चीन को झटका देने का ऐलान किया है जिससे ड्रैगन के सुर बदले नजर आ रहे हैं। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने जैसे ही चीन से निपटने के लिए फौज बढ़ाने का बयान दिया, वैसे ही भारत के लिए चीन के सुर बदल गए हैं। पॉम्पियो के ऐलान के बाद चीन को डर सताने लगा है कि अगर हिंद-प्रशांत में भारत और अमेरिका मिल गए तो उसकी मुश्किलें बढ़ जाएंगी।

ऐसे में भारत के खिलाफ जहर उगलने वाले चीन के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने अब भारत की तारीफ में कहा है कि भारत अमेरिका के साथ नहीं जाएगा क्योंकि वो कूटनीतिक स्वतंत्रता पसंद करता है। चीन के इस डर को फाइनेंशियल टाइम्स के एक स्तंभकार गिडोन रैचमैन ने और बढ़ा दिया है। उन्होंने लिखा कि भारत ने नए शीत युद्ध में एक पक्ष को चुन लिया है। ये चीन की मूर्खता है कि वो अपने प्रतिद्वंद्वी को अमेरिका के पाले में डाल रहा है। इस बयान से चीन तिलमिला गया। उसे एहसास हो गया कि अमेरिका की एक चाल से पूरा समीकरण उसके खिलाफ बनने लगा है। 

चीन का सरकारी मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स इस दलील को खारिज करने में जुट गया है। ग्लोबल टाइम्स में लिखा है कि एक वक्त था जब भारत-चीन के बीच तनाव एक बड़ा खतरा था। भारत उस वक्त भी किसी देश पर निर्भर नहीं हुआ इसलिए ये तर्क बिल्कुल गलत है कि मौजूदा सीमा तनाव में भारत किसी एक गुट के साथ जाने के लिए मजबूर हो जाएगा। चीन की पूरी कोशिश है कि भारत किसी भी सूरत में अमेरिका से हाथ न मिलाए। चीन को मालूम है कि भारत और अमेरिका साथ आए तो दक्षिण एशिया और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में वो बुरी तरह घिर जाएगा।

Tanuja

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