उर्जित पटेल की विदाई, जानिए कैसा रहा सफर?

Monday, Dec 10, 2018 - 07:41 PM (IST)

नेशनल डेस्कः रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गर्वनर उर्जित पटेल ने सोमवार को अपना इस्तीफा देकर सभी को चौंका दिया है। उन्होंने इस्तीफे की वजह निजी कारणों को बताया है साथ ही उन्होंने लिखा कि आरबीआई में काम करना उनके लिए सम्मान की बात है। दरअसल, पिछले कई महीनों से आरबीआई और सरकार के बीच कथित तौर पर तनातनी देखने को मिल रही थी, जिसके बीच कई बार दोनों में सुलह को लेकर बैठकें भी हुईं। पिछले दिनों खबरें भी आईं थी कि अब दोनों पक्ष आपसी सहमति से विवादित मुद्दों को सुलझाने के लिए तैयार हैं। लेकिन आज अचानक उर्जित पटेल ने इस्तीफा दिया है।



गौरतलब है कि नोटबंदी से ठीक दो महीने पहले 4 सितंबर 2016 को उर्जित पटेल ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की कमान संभाली थी। पटेल को रघुराम राजन के स्थान पर नियुक्त किया गया था। इससे पहले उर्जित पटेल आरबीआई में डिप्टी गवर्नर थे। उर्जित ने येल से अर्थशास्त्र में पीएचडी और ऑक्सफोर्ड में एमफिल की पढ़ाई की है। 54 साल की उम्र में आरबीआई में डिप्टी गर्वनर और मौद्रिक नीति प्रभारी रह चुके हैं।



पटेल भारतीय मुद्रास्फीति लक्ष्य और रेट सेटिंग पैनल के एक प्रमुख वास्तुकार माने जाते हैं। जापानी कंपनी नोमुरा उर्जित पटेल को बाज नजर वाला अर्थशास्त्री मानती है। उर्जित बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप और रिलायंस इंडस्ट्रीजड के साथ काम कर चुके हैं।


कहां से हुई स्कूली शिक्षा
उर्जित पटेल का जन्म 28 अक्टूबर 1963 को केन्या में हुआ था। स्कूली शिक्षा भी केन्या में ही हुई। उर्जित का पैतृक गांव गुजरात के खेड़ा जिले का महुधा है। वे जब पांच साल के थे, तब परिवार के साथ महुधा आ गए थे। उनके पिता रविंद्र पटेल केन्या में बिजनेसमैन थे। पटेल के परिवार के अन्य सदस्य मुंबई में रहते हैं।


क्या है खासियत
उर्जित पटेल की शिक्षा की बात करें तो उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन से 1984 में इकॉनोमिक्स से बीएससी की डिग्री ली। उन्होंने 1986 में ऑस्सफोर्ड यूनिवर्सिटी एम. फिल की, जबकि 1990 में येल यूनिवर्सिटी से इकॉनोमिक्स में ही पीएचडी की डिग्री हासिल की।



उर्जित पटेल की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने ही 2014 में महंगाई के लिए दबाव डाला था, इससे पहले नीतियां थोक भाव पर आधारित थीं। उस समय उन्होंने कहा था कि रिटेल भाव का लक्ष्य 4% रखना चाहिए। उसमें 2 प्रतिशत कम-ज्यादा की संभावना होनी चाहिए। उनकी ये बात वित्त मंत्रालय ने माना भी।


नोटबंदी के बाद 10 रुपये से लेकर 2000 रुपये तक के जितने नए नोट जारी हुए है, सभी पर उर्जित पटेल के हस्ताक्षर हैं। क्योंकि नोटबंदी से 2 महीने पहले ही रघुराम राजन ने आरबीआई गवर्नर पद से इस्तीफा दे दिया था। उर्जित पटेल को रघुराम राजन का शिष्य भी कहा जाता है। 

Yaspal

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