UPI Transaction Limit : बढ़ गई UPI 123Pay और UPI Lite की ट्रांजेक्शन लिमिट, जानिए अब कितना पैसा एक दिन में होगा ट्रांसफर

punjabkesari.in Wednesday, Oct 09, 2024 - 01:55 PM (IST)

नेशनल डेस्क : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) की लोकप्रियता को बढ़ावा देने के लिए कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। आरबीआई गवर्नर शक्तिकान्त दास ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी।

यूपीआई लाइट वॉलेट की नई सीमाएँ|
आरबीआई ने यूपीआई लाइट वॉलेट की सीमा को 2,000 रुपये से बढ़ाकर 5,000 रुपये करने का प्रस्ताव रखा है। साथ ही, प्रति लेन-देन की सीमा को 500 रुपये से बढ़ाकर 1,000 रुपये करने का भी निर्णय लिया गया है। यह बदलाव डिजिटल भुगतान को और अधिक सुगम बनाएगा।

यूपीआई 123 पे की लिमिट बढ़ी
इसके अलावा, यूपीआई 123 पे की प्रति लेन-देन सीमा को 5,000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये करने का प्रस्ताव भी है। यह कदम छोटे व्यापारियों और उपभोक्ताओं के लिए डिजिटल लेन-देन को आसान बनाएगा। वर्तमान में, यूपीआई लाइट वॉलेट की सीमा 2,000 रुपये और प्रति लेन-देन की सीमा 500 रुपये है।

ऑफलाइन डिजिटल भुगतान में सुधार|
आरबीआई का कहना है कि यूपीआई लाइट से जुड़े नियमों में संशोधन किया जाएगा ताकि ऑफलाइन डिजिटल भुगतान को बेहतर बनाया जा सके। इसके साथ ही, ‘यूपीआई 123 पे’ की सुविधा अब 12 भाषाओं में उपलब्ध होगी, जिससे इसे और अधिक लोग इस्तेमाल कर सकेंगे।

NEFT और RTGS में सत्यापन की सुविधा
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एनईएफटी (नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर) और आरटीजीएस (रियल टाइम ग्रास सेटलमेंट सिस्टम) में एक नई सुविधा शुरू करने की योजना बनाई है। इस नई व्यवस्था का मुख्य उद्देश्य फंड ट्रांसफर को अधिक सुरक्षित और प्रभावी बनाना है।

खाताधारक के नाम का सत्यापन

इस नई सुविधा के तहत, जब कोई व्यक्ति फंड ट्रांसफर करेगा, तो उसे पहले लाभार्थी (प्राप्तकर्ता) के नाम का सत्यापन करना होगा। यह प्रक्रिया निम्नलिखित तरीके से काम करेगी:

  1. सत्यापन प्रक्रिया: जब आप एनईएफटी या आरटीजीएस के माध्यम से पैसे भेजते हैं, तो आपको लाभार्थी का नाम डालना होगा। इसके बाद, सिस्टम उस नाम की पुष्टि करेगा, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि नाम और खाता संख्या सही हैं।

  2. ग़लतियों की संभावना कम करना: यह सत्यापन प्रक्रिया गलतियों की संभावना को कम करेगी, जैसे कि यदि कोई व्यक्ति गलती से गलत खाता संख्या या नाम डालता है। अगर नाम सही नहीं है, तो ट्रांजेक्शन रद्द हो जाएगा, जिससे पैसे गलत व्यक्ति को जाने से बच जाएंगे।

  3. धोखाधड़ी में कमी: इस सुविधा के लागू होने से धोखाधड़ी की घटनाओं में भी कमी आएगी। धोखाधड़ी के मामलों में अक्सर गलत लाभार्थी को पैसे भेजने का मामला सामने आता है। नाम के सत्यापन से यह सुनिश्चित होगा कि पैसे हमेशा सही व्यक्ति को ही भेजे जाएँ।

यूपीआई और आईएमपीएस के साथ संबंध
यह सुविधा पहले से ही यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) और आईएमपीएस (इंस्टैंट पेमेंट सर्विस) में उपलब्ध है। इन सिस्टम्स में, जब भी कोई व्यक्ति पैसे भेजता है, तो उसे लाभार्थी के नाम की पुष्टि करनी होती है। यह नए कदम से RBI यह सुनिश्चित कर रहा है कि सभी डिजिटल भुगतान माध्यमों में एक समान सुरक्षा मानक लागू हो।

 

जल्द ही जारी होंगे दिशानिर्देश
आरबीआई ने कहा है कि इन सभी सुधारों के बारे में जल्दी ही विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए जाएंगे। इन कदमों से डिजिटल भुगतान प्रणाली को और मजबूती मिलेगी और देश के वित्तीय क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव आएगा।

 

 


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Content Editor

Utsav Singh

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