खुलासा: 26/11 का जवाब देना चाहती थी वायुसेना, UPA ने रोक दी सर्जिकल स्ट्राइक

Monday, Nov 27, 2017 - 08:09 PM (IST)

नेशनल डेस्क: उरी आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा आतंकियों के बेस कैंप पर की गई सर्जिकल स्ट्राइक का काफी विरोध किया गया। कांग्रेस ने इस सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाते हुए हमले के सबूत मांगे। लेकिन 26/11 की नौंवी बरसी के दिन हुए एक नए खुलासे के बाद कांग्रेस के नेतृत्व वाली तत्कालीन यूपीए सरकार पर ही सवाल खड़े हो गए हैं। दरअसल,  2008 में हुए मुंबई आतंकी हमले के दौरान एयर चीफ मार्शल रहे फली होमी मेजर ने खुलासा किया कि उस समय भारतीय वायु सेना इस हमले का बदला लेने के लिए पूरी तरह तैयार थी लेकिन तत्कालीन यूपीए सरकार ने वायु सेना की सर्जिकल स्ट्राइक को मंजूरी नहीं दी। उन्होंने वायु सेना की इस योजना को रोक दिया। 

सेना अध्यक्ष ने मनमोहन सिंह को दी थी जानकारी
फली होमी ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया कि उस समय केन्द्र में डा. मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे और दिल्ली में कांग्रेस की अगुवाई में यूपीए की सरकार थी। मुंबई पर आतंकी हमले के 2 दिन बाद आर्मी चीफ, एयर मार्शल और नौसेना चीफ की पीएम आवास में डा. मनमोहन के साथ मीटिंग थी। इस मीटिंग में रक्षा मंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, रक्षा सचिव के अलावा कई टॉप अधिकारी शामिल थे। इस मीटिंग में हमले पर चर्चा हुई और इसके बाद क्या किया जा सकता है इस पर भी मंथन किया गया। 

हमले को लेकर बन चुका था प्लान
मेजर के मुताबिक इस बीच तीनों सेना के अध्यक्षों ने भी आपस में चर्चा की थी और पाकिस्तान के खिलाफ इस्तेमाल किये जा सकने वाले विकल्पों पर भी हुई। उन्होंने बताया कि दुश्मन को जवाब देने की बेसिक तैयारी की जा रही थी, हमारे दिमाग में कई विकल्प थे। अपने फाइटर एयरक्राफ्ट तय किये, किन हथियारों से हमला किया जाए, कैसे हमला किया जाए, हमले के लिए ये सारे प्लान तैयार थे लेकिन हम जिस चीज का इंतजार कर रहे थे वो था टारगेट सिस्टम और सरकार की ओर से हरी झंडी।

सरकार ने नहीं दी इजाजत
फली मेजर ने बताया कि इस स्ट्राइक की योजना बनाते समय उनकी टीम ने कई चीजों का ध्यान रखा था। जैसे कि इस हमले का पाकिस्तान क्या जवाब दे सकता है, कैसे जवाब दे सकता है। भारत का स्टैंड बाय फोर्स क्या होगा, कितना होगा, कैसे होगा इन सभी मुद्दों पर एयरफोर्स के कमांड ऑफिस में चर्चा हुई थी। उन्होंने बताया कि वायु सेना पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकवादियों के प्रशिक्षण शिविर पर हमला करने की ताकत रखती थी लेकिन उस समय की यूपीए सरकार ने वायु सेना को इसकी इजाजत नहीं दी। मेजर ने कहा कि 26/11 की घटना के बाद भारत के पास हमले के लिए 24 घंटे का समय था। 

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