UP के ये गांव बन चुके हैं अधिकारियों की खान, एक-तिहाई घरों में हैं IAS-IPS

punjabkesari.in Monday, Dec 23, 2024 - 12:16 PM (IST)

नेशनल डेस्क। सिविल सर्विस की तैयारी करके IAS और IPS बनना कई युवाओं का सपना होता है। इसके लिए वे बड़े शहरों का रुख करते हैं और दिल्ली को सिविल सर्विस की फैक्ट्री कहा जाता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि देश के कुछ गांव भी UPSC की तैयारी और सफलता के लिए मशहूर हैं? आइए जानते हैं तीन ऐसे गांवों के बारे में जहां से बहुत से लोग UPSC की परीक्षा पास करके उच्च पदों पर पहुंचते हैं।

1. माधोपट्टी – उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में स्थित माधोपट्टी गांव को UPSC की फैक्ट्री कहा जाता है। लखनऊ से लगभग 300 किलोमीटर दूर स्थित इस गांव में कुल 71 घर हैं जिनमें से 47 घरों में IAS-IPS अधिकारी हैं। यहां के कुछ घरों में एक से ज्यादा अधिकारी भी हैं। इस गांव में सिर्फ सरकारी अधिकारी ही नहीं बल्कि कई उच्च पदों पर बैठे लोग भी रहते हैं।

2. इटौरी – उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के इटौरी गांव में एक ही घर से 4 UPSC टॉपर्स निकल चुके हैं। इस गांव में 3 IAS और 1 IPS अधिकारी हैं। 2013 में परिवार के बड़े बेटे योगेश ने UPSC पास किया उसके बाद 2015 में उनकी बहन माधवी भी UPSC टॉपर बनीं। 2016 में छोटी बहन क्षमा IPS बनीं और उनके छोटे भाई लोकेश का नाम भी UPSC के टॉपर्स लिस्ट में आया। इस परिवार का UPSC के लिए एक खास मंत्र है जिससे वे हर बार सफलता प्राप्त करते हैं।

3. औरंगपुरा सिलैटा – उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश के संभल जिले का औरंगपुरा सिलैटा गांव UPSC की फैक्ट्री के रूप में जाना जाता है। इस गांव में 31 IAS अधिकारी हैं और इसके अलावा कई और बड़े अधिकारी भी इस गांव से निकलकर ऊंचे पदों तक पहुंचे हैं। यह गांव न केवल अपने धार्मिक विवादों के कारण चर्चित है बल्कि यहां से UPSC परीक्षा में सफलता पाने वालों की लंबी सूची भी है।

वहीं इन तीन गांवों ने साबित कर दिया है कि मेहनत और सही मार्गदर्शन से छोटे गांवों से भी UPSC के सफल उम्मीदवार निकल सकते हैं। इन गांवों की सफलता के पीछे उनके सामूहिक प्रयास शिक्षा के प्रति समर्पण और परिवारों का सहयोग मुख्य कारण हैं।


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News Editor

Rahul Rana

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