UP News: इन अपराधों में व्यापारियों को नहीं होगी जेल… योगी सरकार ने खत्म किए 13 पुराने कानूनों के दंडात्मक प्रावधान

punjabkesari.in Wednesday, Oct 29, 2025 - 03:49 PM (IST)

Lucknow News: उत्तर प्रदेश सरकार ने उद्योग और व्यापार जगत को बड़ी राहत देते हुए ‘उत्तर प्रदेश सुगम व्यापार (प्रावधानों का संशोधन) अध्यादेश-2025’ को मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में कैबिनेट ने इसे सर्कुलेशन के जरिए पारित किया। इस अध्यादेश के तहत राज्य में लागू 13 प्रमुख औद्योगिक और व्यापारिक अधिनियमों से लगभग 99 प्रतिशत आपराधिक प्रावधान हटा दिए गए हैं। यानी अब मामूली तकनीकी उल्लंघनों पर उद्यमियों या व्यापारियों को जेल नहीं भेजा जाएगा, बल्कि आर्थिक दंड, चेतावनी या प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी। सरकार का दावा है कि यह कदम Ease of Doing Business को मजबूत करेगा और उत्तर प्रदेश को निवेश के लिए देश का सबसे अनुकूल राज्य बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक बदलाव साबित होगा।

किन मामलों में पहले होती थी सजा?
पहले पुराने औद्योगिक कानूनों में कई बार छोटी तकनीकी गलतियों पर भी जेल की सजा का प्रावधान था। जैसे...

  • फैक्ट्री में रजिस्टर समय पर अपडेट न करना
  • दुकान का समय कुछ देर तक बढ़ा देना
  • बॉयलर से जुड़े दस्तावेजों का नवीनीकरण देर से करना
  • इन जैसे मामलों में भी उद्यमियों को मुकदमों और जेल की सजा का डर बना रहता था।


कौन से प्रमुख कानून हुए संशोधित?
सरकार ने जिन 13 अधिनियमों में संशोधन किया है, उनमें शामिल हैं–

  • फैक्ट्री अधिनियम
  • दुकान एवं वाणिज्यिक प्रतिष्ठान अधिनियम
  • मोटर ट्रांसपोर्ट वर्कर्स एक्ट
  • बॉयलर अधिनियम
  • अनुबंध श्रमिक (Contract Labour) अधिनियम आदि।


इनमें से अधिकतर प्रावधान ब्रिटिश काल के समय के बने थे, जिन्हें अब आधुनिक औद्योगिक जरूरतों के अनुरूप अपडेट किया गया है।

निवेशकों के लिए नया भरोसा
सरकार का कहना है कि इस कदम से यूपी के 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य को गति मिलेगी। पिछले साल हुई ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में राज्य को लगभग 40 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले थे, लेकिन कई निवेशक कानूनी जटिलताओं को लेकर चिंतित थे। अब सरकार ने डिजिटल कंप्लायंस पोर्टल और सिंगल विंडो सिस्टम को सशक्त बनाते हुए कारोबारियों को यह भरोसा दिलाया है कि “उत्तर प्रदेश में व्यापार करना अब सुरक्षित, सरल और पारदर्शी” होगा।

श्रमिक संगठनों की चिंता
कुछ श्रमिक संगठनों ने आपराधिक प्रावधानों को हटाने पर चिंता व्यक्त की है। उनका कहना है कि इससे मजदूरों के अधिकार कमजोर हो सकते हैं। हालांकि सरकार ने स्पष्ट किया है कि मजदूर सुरक्षा से जुड़े मूल प्रावधान बरकरार हैं और केवल अनावश्यक आपराधिक धाराएं हटाई गई हैं। गंभीर मामलों जैसे सुरक्षा मानकों की अनदेखी से होने वाली दुर्घटनाओं पर पहले की तरह कड़ी कार्रवाई की जाएगी।


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Content Editor

Mamta Yadav

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