मोदी के संबोधन पर कांग्रेस ने साधा निशाना, कहा- तीन काले कानूनों को लागू करने का दाग धोने का नाकाम प

Friday, Dec 25, 2020 - 05:13 PM (IST)

नई दिल्लीः कांग्रेस ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की किसानों को 18 हजार करोड़ रुपए स्थानांतरित करने की घोषणा खेती विरोधी तीन काले कानूनों को लागू करने का दाग धोने का नाकाम प्रयास है। कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला ने मोदी की इस घोषणा को किसान विरोधी कानूनों से उपजे गुस्से को शांत करने की कोशिश बताया और कहा कि इस सरकार ने अब तक जो भी किसान विरोधी काम किए हैं उसका उन्हें जवाब देना देना पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि सरकार ने किसान निधि योजना शुरू की लेकिन इसमें महज़ 9.24 करोड़ किसानों को शामिल किया है जबकि करीब 15 करोड़ किसानों को शामिल किया जाना था। उनका सवाल था कि इस निधि से करीब छह करोड़ किसानों को वंचित क्यों रखा है । 

कांग्रेस नेता ने कहा कि सरकार ने खाद पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगाया है। देश में पहली बार खाद प्रकार लगाने का शर्मनाक काम हुआ है। इसी तरह से कीटनाशक दवाइयों पर 18 फीसदी जीएसटी तय किया गया है । उन्होंने कहा कि इसी तरह से यह सरकार 2016 में फसल बीमा योजना लेकर आई लेकिन उसका फायदा किसानों को नहीं हुआ। इस योजना से 2019 तक पूंजीपतियों को 26000 करोड रुपए का मुनाफा हुआ है। प्रवक्ता ने कहा कि मोदी सरकार ने किसान को कर्जमाफी से महफूज रखा है। जून 2017 में सरकार ने घोषणा की थी कि किसानों का कर्ज माफ नहीं किया जाएगा जबकि कुछ पूंजीपतियों का कर्ज माफ किया।

सुरजेवाला ने कहा कि सरकार ने किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य-एमएसपी देने में भी हेरा फेरी की। किसान को लागत के साथ 50 प्रतिशत एमएसपी दिया जाना था लेकिन सरकार ने फरवरी 2015 में उच्चतम न्यायालय में शपथ पत्र देकर किसानों को लागत तथा उस पर 50 फीसदी एमएसपी देने से इनकार किया।

प्रवक्ता ने कहा कि अब किसान कृषि विरोधी तीन कानूनों के खिलाफ सड़क पर उतर आए हैं तो सरकार उनसे कठोरता से निपट रही है, सड़कों को खोदा जा रहा है, कटीले तार बिछाये जा रहे हैं और किसानों को थकाने का प्रयास किया जा रहा है। प्रवक्ता ने कहा कि सबसे शर्मनाक स्थिति यह है कि आंदोलन कर रहे किसानों को लिए गलत शब्दों का इस्तेमाल किया जा रहा है। अब कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों को राजनीतिक कठपुतली तक कह दिया है। उनका कहना था कि सरकार को किसानों से माफी मांगनी चाहिए। 

Yaspal

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